30 जनवरी 1976 को उत्तराखंड में जन्मे अमित नेगी पौड़ी के मूल निवासी हैं। उनकी शिक्षा देहरादून के कैंब्रियन हॉल स्कूल से हुई। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की। स्कूल स्तर पर मेधावी प्रवृति के विद्यार्थी रहे अमित नेगी का चयन आईएएस के लिए पहले ही प्रयास में हो गया था।
उत्तराखंड के 1999 बैच के आईएएस सचिव अमित सिंह नेगी को केंद्र में प्रतिनियुक्ति मिल गई है। उन्होंने वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया गया है। अभी तक वह उत्तराखंड में वित्त सचिव का अहम पद संभाल रहे थे। वह 1989 बैच के आईआरएस अधिकारी प्रबोध सेठ की जगह लेंगे। अमित नेगी का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने के बाद पांच साल या अगले आदेश तक होगा।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में अतिरिक्त सचिवों और ज्वाइंट सेक्रेटरी के पदों पर नियुक्तियों को मंजूरी दी है। अमित सिंह नेगी के पिता डा. बलराम सिंह नेगी सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं। 30 जनवरी 1976 को उत्तराखंड में जन्मे अमित नेगी पौड़ी के मूल निवासी हैं। उनकी शिक्षा देहरादून के कैंब्रियन हॉल स्कूल से हुई। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की। स्कूल स्तर पर मेधावी प्रवृति के विद्यार्थी रहे अमित नेगी का चयन आईएएस के लिए पहले ही प्रयास में हो गया था।
अमित नेगी को शासकीय कार्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित, कर्मठ, लग्नशील एवं ईमानदार अधिकारी माना जाता है। केदारनाथ के पुनर्निर्माण एवं आपदा प्रबंधन कार्यों में तेजी से फैसले लेने की खूबी ने उनकी छवि एक टॉस्क मास्टर अधिकारी की बनाई। अमित नेगी की पहली पोस्टिंग बतौर संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की में हुई। इसके बाद उन्हें सीडीओ पिथौरागढ़ का दायित्व दिया गया। फिर उन्होंने पहले चंपावत और फिर पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी का जिम्मा संभाला। नैनीताल में कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी का पद संभालने के बाद वह एटीआई नैनीताल में अपर निदेशक भी रहे। इसके बाद नेगी को देहरादून का डीएम बनाया गया। इसके बाद उन्होंने शासन ने अपर सचिव बनाया। वह पीएमजीएसआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रहे हैं।
वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यो के लिए केंद्र सरकार के आर्थिक मामले व वित्त मंत्रालय और एशियाई विकास बैक की ओर से उत्तराखंड को बेस्ट परफॉर्मिग प्रोजेक्ट अवार्ड प्रदान किया गया है। इसमें अमित नेगी का अहम योगदान रहा है। उत्तराखंड एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां आपदा प्रबंधन मंत्रालय के अधीन एक प्राधिकरण के अलावा एक स्वायत्त ‘आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र’ भी गठित किया गया है। अमित नेगी ने बताया कि राज्य में आपदाओं की दृष्टि से वल्नेरेबिलिटी और रिस्क मैपिंग कर ली गई है। इससे पता चलता है कि आपदा प्रबंधन विभाग में कितनी बारीकी से सुधार हो रहे हैं।
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