युद्धग्रस्त यूक्रेन से उत्तराखंडी छात्रों के लौटने का सिलसिला जारी, अब तक 15 पहुंचे स्वदेश

युद्धग्रस्त यूक्रेन से उत्तराखंडी छात्रों के लौटने का सिलसिला जारी, अब तक 15 पहुंचे स्वदेश

भारत ने सभी भारतीय और विशेषकर स्टूडेंट्स की युद्धग्रस्त यूक्रेन से वापसी के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन गंगा चला रखा है। उत्तराखंड के भी कई बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनकी सुरक्षित स्वदेश के लिए उत्तराखंड सरकार विदेश मंत्रालय से निरंतर संपर्क बनाए हुए है।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते हजारों भारतीय स्टूडेंट्स यूक्रेन के कई शहरों में फंसे हुए हैं। कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए वहां गए हुए थे। बहरहाल भारत ने सभी भारतीय और विशेषकर स्टूडेंट्स की वापसी के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन गंगा चला रखा है। उत्तराखंड के भी कई युवा यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनकी सुरक्षित स्वदेश के लिए उत्तराखंड सरकार विदेश मंत्रालय से निरंतर संपर्क बनाए हुए है। अभी तक उत्तराखंड के 15 स्टूडेंट्स सुरक्षित भारत लौट आए हैं।

उत्तराखंड शासन की ओर से शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर पर अब तक 259 नागरिकों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिल चुकी है। अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को यह संख्या 226 थी, जोकि रविवार को 259 हो गई। सभी नागरिकों की सूची विदेश मंत्रालय को भेजी गई है।

यूक्रेन से लौटे आशुतोष पाल, अदनान व खुशी सिंह का नई दिल्ली में उत्तराखंड के अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने स्वागत किया। इस दौरान छात्रों के अभिभावक और राज्य के सहायक प्रोटोकाल अधिकारी मनोज जोशी और दीपक चमोली भी उपस्थित थे। दिल्ली एयरपोर्ट से देहरादून के लिए रवाना होती श्रीनगर की आकांक्षा और उसकी साथी ने वीडियो साझा किया। दोनों ने कहा कि वे अपने वतन लौटकर बहुत खुश हैं।

इसके बाद, एक अन्य फ्लाइट से रूड़की निवासी जीशान, रानीखेत की प्रियंका अधिकारी, काशीपुर की कादंबनी, कोटद्वार की पायल पंवार, ऊधम सिंह नगर के ललित कुमार, हल्द्वानी के विजय चौहान, खटीमा के तुषार सिंह भी सकुशल भारत पहुंच गए हैं।

उत्तराखंड के अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि एक फ्लाइट रविवार रात ढाई बजे तो दूसरी फ्लाइट सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे पहुंचेगी। इसमें भी उत्तराखंड के नागरिक होंगे। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में हवाई सेवा बंद होने के कारण जो नागरिक बार्डर तक आ पा रहे हैं, उन्हें ही विमान से लाया जा रहा है।

उधर, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फिर दोहराया है कि उत्तराखंड के सभी छात्रों एवं नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

छात्रों के अलावा उत्तराखंड के कई लोग कामकाज के सिलसिले में भी यूक्रेन में रहते हैं। प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने विदेश मंत्री केंद्र सरकार को पत्र भेजकर यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्द सकुशल वापस लाने की मांग की है। प्रतापनगर ब्लॉक के स्यालगी गांव निवासी नरेश कलूड़ा ने बताया कि वह अपने चार अन्य साथियों के साथ यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हुए हैं। वे वहां होटल में कार्यरत हैं।

नरेश के मुताबिक, रूसी सेना कीव के निकट पहुंच गई है। स्थानीय प्रशासन से उन्हें बाहर न निकलने का सुझाव दिया है। वह बीते तीन दिनों से होटल के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। नरेश के साथ नई टिहरी सुरसिंगधार कांडा गांव के प्रवीन पुंडीर पुत्र पूरण सिंह पुंडीर, हरीश पुंडीर, नरेंद्रनगर आर्स गांव के सुरेंद्र रावत पुत्र ज्ञान सिंह रावत, श्यामपुर ऋषिकेश के मनोज सिंह पुत्र वीर सिंह भी कीव स्थित होटल में ही हैं।

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