उत्तराखंड में जहां एक तरफ स्वरोजगार की बात कही जाती है, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंडी युवा जो कि स्वरोजगार की राह पर अग्रसर है खुद को अपनी ही जमीं पर सुरक्षित महसूस नही कर रहे हैं। आलम यह है कि बाहरी व्यक्ति यहां आकर छोटी छोटी सी बातों पर युवाओं को मार कर फरार हो जाते है।
उत्तराखंड में जहां एक तरफ स्वरोजगार की बात कही जाती है, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंडी युवा जो कि स्वरोजगार की राह पर अग्रसर है खुद को अपनी ही जमीं पर सुरक्षित महसूस नही कर रहे हैं। आलम यह है कि बाहरी व्यक्ति यहां आकर छोटी छोटी सी बातों पर युवाओं को मार कर फरार हो जाते है।
मामला यमकेश्वर के घट्टूगाड क्षेत्र का है। जहां एकलव्य नाइट कैंप के संचालकों ने मामूली सी बात पर पड़ोस के ओडिसी कैंप पर जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना में ओडिसी कैंप के शेफ की मौत हो गई जबकि 3 स्थानीय युवा बुरी तरह घायल हो गए। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। और एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। जबकि तीन आरोपी अभी भी फरार हैं।
जानकारी के अनुसार यमकेश्वर के घट्टूगाड क्षेत्र में नाइट कैंपिंग होती हैं। जहां उत्तराखंड के युवा शिवालिक ओडिसी नाम का कैंप चलाते थे। इस कैंप में उत्तराखंड के युवा मुकेश राणा, मनोज राणा, देवेश सिंह औऱ शेफ यशपाल नेगी काम करते हैं। इसी कैंप के पड़ोस में गाजियाबाद औऱ हरियाणा के लोगों द्वारा एकलव्य कैंप संचालित हो रहा था।
लक्ष्मण झूला के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुवंर ने बताया कि घट्टूगाड़ में गब्बर सिंह का शिवालिक नाम से कैंप है। शिवालिक कैंप संचालक का बगल में ही स्थित एकलव्य कैंप संचालक के बीच विवाद हो गया।
खबर अनुसार रात 10 बजे प्रशासन के आदेशानुसार ओडिसी कैंप ने डीजे बंद कर दिया था और एकलव्य कैंप से भी डीजे बंद करने को कहा। बस इतनी सी बात पर एकलव्य कैंप के लोग भड़क गए और उन्होंने ओडिसी कैंप का संचालन कर रहे स्थानीय लोगों पर चाकुओं से जानलेवा हमला कर दिया। हमले में ओडिसी कैंप का शेफ यशपाल नेगी, निवासी माला गांव, यमकेश्वर को गंभीर चोटें आई और अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। इस हमले में कैंप मालिक और दो अन्य स्थानीय युवा बुरी तरह घायल हो गए।
गौरतलब है कि वारदात को अंजाम देने के बाद 3 आरोपी फरार हैं। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना की जांच और आरोपियों की धरपकड़ के लिए एसआईटी टीम गठित की गई है। घायल युवाओं को ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।वहीं यूकेडी नेता शांति प्रसाद भट्ट का कहना है कि पहाड़ियों के हक हकूकों पर बाहरी लोग डाका डाल रहे हैं। अब तो अपने ही घर में उत्तराखंड का युवा सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि बाहरी लोग यहां का न सिर्फ माहौल खराब कर रहे हैं बल्कि उनके लिए खतरा भी बन गए हैं। भट्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ प्रशासन से स्थानीय लोगों की सुरक्षा और हकों की रक्षा की मांग की है।
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