श्रीराम मंदिर का समय पर निर्माण है सीएम योगी की प्राथमिकता

श्रीराम मंदिर का समय पर निर्माण है सीएम योगी की प्राथमिकता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के कार्यों पर लगातार नजर रखे हुए हैं और समयवद्ध तरीके से श्रीराम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए लगातार अयोध्या जाकर कामकाज का जायजा ले रहे हैं। वह कई बार अयोध्या जाकर श्रीराम मंदिर के काम की निगरानी कर चुके हैं और श्रीराम मंदिर का काम सही समय में पूरा हो इसके लिए लगातार अधिकारियों से जानकारी भी ले रहे हैं।

दरअसल श्रीराम मंदिर के लिए लगभग 70 साल तक कानूनी लड़ाई चली। सन् 1950 में यह मामला न्यायलय में पहुंचा था और इस मामले में फैसला 9 नवम्बर 2019 को आया जब सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि विवादित ढांचे का निर्माण किसी खाली स्थान में नहीं हुआ था। उसके नीचे एक ढांचा था और वह इस्लामी नही था।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के शोध की अनदेखी नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही विवादित जमीन पर रामलला का अधिकार बताते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह एक न्यास बनाकर उसे वह जमीन सौंप दे। इसके बाद भारत सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया और आज वही न्यास मंदिर का निर्माण कार्य कर रहा है।

5 अगस्त को हुआ मंदिर का शिलान्यास

उसके बाद 5 अगस्त 2020 को श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 175 लोग इस पल के गवाह बने। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आज वह 500 साल के इंतजार के बाद आए इस मौके पर मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा तैयार किए गए प्लान को हमें लागू करना है। यह मंदिर ना सिर्फ भगवान राम की महानता का प्रतीक होगा बल्कि यह भारत की महानता को भी दर्शाएगा। उसके बाद से श्रीराम मंदिर का काम जोर शोर से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मंदिर के कामकाज का जायजा ले रहे हैं।

अभी पिछले महीने ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्माण कार्यों का जायजा लेने के लिए अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण स्थल का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने अयोध्या राम मंदिर के विकास कार्यों की देखरेख करने वाली एजेंसी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से श्रीराम मंदिर के निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ चल रहे काम पर भी चर्चा की।

निर्माण कार्य को बारीकी से देखा

मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के कामकाज को देखने के लिए यहां पहुंचे थे। योगी आदित्यनाथ सबसे पहले रामलला की पूजा अर्चना की और उसके बाद अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य देखने पहुंचे। राम मंदिर के निर्माण में लगे अधिकारियों ने उन्हें मंदिर निर्माण कार्य की एक-एक बारीकी से रुबरू कराया। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बड़े ध्यान से पूरे काम को देखा। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने करीब 45 मिनट तक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में अयोध्या के अधिकारियों के साथ सांसद और नगर निगम के महापौर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने अयोध्या में दीपोत्सव से पहले राम नगरी की बेहतर साफ-सफाई का निर्देश दिया है। साथ ही तय समयसीमा के भीतर विकास कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

महंत की समाधि पर पुष्पांजलि की अर्पित

अपने अयोध्या दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महंत रामचंद्र दास परमहंस की समाधि पर पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। दरअसल मुख्यमंत्री का दिगंबर अखाड़ा से गहरा जुड़ाव है। आपको बता दें कि गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों का यहां से जुड़ाव रहा है। मुख्यमंत्री के गुरु महंत अवैद्यनाथ और रामचंद्र दास परमहंस की काफी घनिष्ठता थी। योगी आदित्यनाथ भी अपनी पीढ़ी की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। दिगंबर अखाड़ा राम मंदिर आंदोलन का प्रधान केंद्र भी रहा है।

दिगंबर अखाड़ा से खास जुड़ाव

राम मंदिर आंदोलन की पहली बैठक इसी अखाड़े में हुई थी। उसमें राम मंदिर निर्माण के लिए एक समिति का भी गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष महंत अवैद्यनाथ बनाए गए थे, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु थे। वर्ष 1989 में महंत रामचंद्र दास परमहंस को रामजन्म भूमि न्यास का पहला अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद मंदिर आंदोलन को नई दिशा मिली थी।

श्रद्धालुओं का इंतजार जल्द होगा खत्म

अब राम मंदिर के प्रथम तल का कार्य पूरा हो गया है। जनवरी महीने में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। ऐसे में अब रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद उनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रमण के दौरान उन्हें इन सभी विषयों से जुड़ी जानकारी दी गई।

अगले साल यानि 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं इन चुनावों में अब एक साल से भी कम का समय बचा है ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि इस चुनाव में श्रीराम मंदिर एक बड़ा मुद्दा होगा। बीजेपी जहां इस मंदिर को अपनी उपलब्धि के तौर में गिनाएगी वहीं कांग्रेस और अन्य दल भी इसमें राजनीति करने से पीछे नहीं हटेंगे। इसलिए यह माना जा रहा है कि इन चुनावों में श्रीराम मंदिर का मुद्दा सभी पार्टियों के बीच छाया रहेगा।

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