नामांकन कराने के लिए जाते हुए ना कोई शोर-शराबा, ना शक्ति प्रदर्शन और ना यातायात जाम करते हुए रोड शो, बल्कि हरिद्वार में भाजपा के चुनाव कार्यालय में बैठकर ऑनलाइन विकल्प से नामांकन कराकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक नजीर पेश कर दी।
नामांकन के लिए ऑनलाइन विकल्प चुन कर पेश की नजीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के नारे पर अमल करते हुए वह इस अभियान के ’ब्रांड एंबेसडर’ साबित हुए। खास बात ये है कि इस विकल्प को चुनने का त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद ही निर्णय लिया था। रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से डिजिटल क्रांति आ गई है। नामांकन के लिए यह विकल्प उन्होंने डिजिटल इंडिया के निर्णय से प्रभावित होकर चुना है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों को नामांकन के लिए ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध कराया है। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से सिर्फ हरिद्वार और टिहरी में ही यह सुविधा प्रत्याशियों को उपलब्ध कराई गई है। अभी तक गिने-चुने प्रत्याशियों ने ही नामांकन कराया है और उसमें भी नामांकन से पहले जुलूस-प्रदर्शन, रोड शो के परंपरागत रूप को आजमाते हुए ही प्रत्याशी नजर आए हैं। मगर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसा नहीं किया। देहरादून में अपने निवास पर होल्यारों की एक टोली के साथ होली की खुशियां मनाने के बाद वह सीधे हरिद्वार में जगजीतपुर में बनाए गए लोकसभा चुनाव कार्यालय पहुंच गए। वहां से उन्होंने अपना ऑनलाइन नामांकन करा दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सीट पर भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर डिजिटल इंडिया के आह्वान का पूरे देश में असर दिखा है। इसने हर क्षेत्र में तमाम तरह की आसानी कर दी है, जिससे समय व धन दोनों की बचत हो रही है। नामांकन कराने के लिए ऑनलाइन विकल्प भी इसी वजह से उन्होंने चुनना बेहतर समझा।
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