उत्तराखंड के अल्मोड़ा के गंगोला बाजार में एक छोटा सा मंदिर है इस मंदिर में हुक्का रखा गया है। बता दें कि इसे खमसिल बुबु का मंदिर कहते हैं। खमसिल बुबु का यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना हैं।
क्या है इतिहास?
कहते हैं आज से लगभग डेढ़ सौ साल पहले तराई के कोई सिद्ध पुरुष या कोई घुमक्क्ड़ अल्मोड़ा आये। और अल्मोड़ा आकर यहाँ की आबो -हवा बहुत पसंद आई। और वे यही बस गए। बुबु को तम्बाकू गुड़गुड़ाना अच्छा लगता था। वे बीड़ी के भी शौकीन थे।
मरने के बाद किया परेशान
कहते हैं उनकी मृत्यु के बाद उनकी आत्मा ने स्थानीय लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया। लोगो ने दर के मारे उनकी पूजा अर्चना शुरू की और जहाँ वे रहते थे वहां एक छोटा सा मंदिर बना दिया। और उस मंदिर में उनके हुक्के को रख दिया था। तबसे उनकी पूजा वहां खमसिल बुबु के रूप में होने लगी। लोग उन्हें श्रद्धावश बीड़ी ,तम्बाकू चढ़ाने लगे।
लोगों की करते है रक्षा
कहते हैं बुबु अल्मोड़ा में स्थानीय लोगो की भूत प्रेत या ऊपरी छाया से रक्षा करते हैं। बच्चो को नजर दोष लगने पर यहाँ लाकर उनकी नजर उतारी जाती है। बार -त्योहारों को यहाँ पूजा होती है ,बुबु को खिचड़ी और उनका प्रिय तबाकू चढ़ाया जाता है। अनिष्ट से रक्षा हेतु बुबु के नाम की भेंट रखी जाती है।
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