उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने पंतनगर विश्वविद्यालय दौरा किया। इस अवसर पर राज्यपाल, उत्तराखंड एवं कुलाधिपति, पंतनगर विश्वविद्यालय ले. जनरल गुरमीत सिंह एवं कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान उपस्थित थे।
सर्वप्रथम उपराष्ट्रपति एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा कुलपति आवास (तराई भवन) में चन्दन के पौध का वृक्षारोपण किया गया। तदोपरांत विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी सेंटर में निदेशक शोध डा. ए.एस. नैन द्वारा विश्वविद्यालय के शोध केन्द्रों पर चल रहे शोध से प्राप्त विभिन्न उत्पादों यथा विभिन्न प्रजातियों के उन्नत बीजों, शहद एवं उनके मूल्यवर्धित उत्पाद, मशरूम तथा अधिष्ठात्री सामुदायिक विज्ञान डॉ. अल्का गोयल द्वारा बर्नयार्ड मिलेट से बने मूल्यवर्धित उत्पाद और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गोबर से निर्मित उत्पाद एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध सामग्री से बने उपयोगी उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया।
इसके उपरान्त अधिष्ठाता कृषि डॉ. एस.के. कश्यप ने संग्रहालय में लगी विश्वविद्यालय के इतिहास एवं विभिन्न क्षेत्रों में की गयी प्रगति के संग्रह से अतिथियों को रूबरू कराया। कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा उपराष्ट्रपति एवं उनकी पत्नी को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। प्रगतिशील किसान सितारगंज से सुरेश सिंह राणा एवं गदरपुर से विनोद कुमार कुम्भर ने भी उपराष्ट्रपति से मुलाकात की।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने राज्य सभा में उनको कृषक पुत्र के रूप में पहचान दिलायी और उन्हें कृषक पुत्र के रूप में पूरी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि किसानों को तकनीकी रूप से आगे बढ़ने की आवश्यकता है। किसान द्वारा देश की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में और अधिक योगदान देने हेतु यह आवश्यक है कि किसान को अपने उत्पाद के लिए व्यवसाय के रूप में जुड़ना होगा। ऐसा देखा जाता है कि किसान के खेत में जो उत्पाद पैदा होता है उसे वह तुरन्त ही बेच देता है, जो कि आर्थिक दृष्टि से उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब समय बदल गया है। किसान को अपने उत्पादों को सीधे न बेचकर उसे मूल्यवर्धित उत्पाद के रूप में जैसे कि दूध से पनीर, दही, छांछ, आइसक्रीम एवं अन्य जो भी संभावित खाद्य पदार्थ बन सके, उसे बाजार में बेच कर अपनी आमदनी में वृद्धि करनी चाहिए। किसान द्वारा उपजाए जाने वाले अन्न के उत्पादन में वृद्धि करनी होगी। यह नितान्त आवश्यक है कि अधिक से अधिक किसान अपने उत्पादों के विपणन हेतु बाजार व्यवस्था से जुड़े और उत्पादों के वैल्यू एडिसन पर जोर दें। किसान को फल एवं सब्जियों का अधिक उत्पादन कर खेती से अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे संस्थान जिनकी एक सोच है और समाज पर एक अमिट छाप है तथा जिनकी उत्कृष्ट संस्थान के रूप में पहचान है, उनको आगे आना चाहिए और किसान को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह ज्यादा से ज्यादा कृषि उत्पादन के अलावा उस उत्पाद से जुड़े हर पहलू पर अपना ध्यान दे। भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने किसान का बहुत बड़ा योगदान होगा और मैं उम्मीद करता हूं कि इसकी शुरूआत पंतनगर जैसे विश्वविद्यालय से होगी।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने भारत के उपराष्ट्रपति की विश्वविद्यालय में प्रथम भ्रमण यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया। निदेशक संचार डॉ. जेपी जायसवाल ने बताया कि एक वर्ष से कम समय में विश्वविद्यालय ने भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का आगमन विश्वविद्यालय के लिए एक गौरव की बात है जो कि विश्वविद्यालय कुलाधिपति एवं कुलपति के अथक प्रयासों से सम्भव हो सका है।
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