टीवी पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रभाव डालने वाले प्रतिभाशाली पत्रकार अरुण नौटियाल का आकस्मिक निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि उनका हार्ट अटैक से निधन हुआ है।
टीवी मीडिया से एक दुखद ख़बर आ रही है। हाल ही में जी मीडिया से अपने पद से इस्तीफ़ा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार अरुण नौटियाल नहीं रहे। मिली जानकारी की मुताबिक़ उनके निधन की वजह हार्ट अटैक हो सकता है। अरुण नौटियाल जी मीडिया में आउटपुट हेड (जी न्यूज) के पद पर थे और कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था।
अरुण नौटियाल का अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया। उनकी उम्र लगभग 56 साल की थी। बताया जा रहा है कि कल रात 9ः00 बजे उनकी धर्मपत्नी बेटी को एयरपोर्ट छोड़ने गई थी, जब वह लौटी, तो अरुण जी अचेत स्थिति में थे। एयरपोर्ट से बेटी को घर बुलाया गया। उनका सपना था बेटी को विदेश में पढ़ाने का। सीमांत जनपद उत्तरकाशी ने बहुत से काबिल लोगों को जन्म दिया है, उसमें अरुण नौटियाल भी एक थे।
अरुण नौटियाल ने कई टीवी चैनलों में काम किया है वह एबीपी न्यूज़, आजतक और ज़ी न्यूज़ जैसे समाचार चैनलों में काम कर चुके थे। उनको इनपुट और आउटपुट कार्य में उनको कौशल प्राप्त था। अरुण नौटियाल इससे पहले करीब 21 साल से ‘एबीपी नेटवर्क’ के साथ जुड़े हुए थे। यहां से उन्होंने बतौर आउटपुट हेड पद से इस्तीफा दे दिया था। अरुण नौटियाल को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब तीस साल का अनुभव था। पूर्व में वह ‘आजतक’ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे। इसके बाद वह स्टार न्यूज (अब एबीपी न्यूज) में आ गए थे और लंबे समय से यहां अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
टीवी जगत के अनेक पत्रकारों ने अरुण नौटियाल जी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। अमिताभ श्रीवास्तव लिखते हैं, अरुण नौटियाल के न रहने की सूचना ने स्तब्ध कर दिया है। ऐसी खबर है जिस पर कुछ कहते नहीं बन रहा। एक के बाद एक ऐसी सूचनाएं यह बार-बार एहसास दिलाती हैं कि हम बहुत बुरे दौर से, बेहद तकलीफदेह और तनाव भरे समय से गुजर रहे हैं। अचानक पिछले तमाम बरसों के बहुत से दिन आंखों के आगे घूम गये।
अरुण बहुत शिष्ट, शालीन विनम्र इंसान और बेहद मेहनती, जिम्मेदार, भरोसेमंद सहयोगी और बेहद काबिल पत्रकार थे। आजतक चैनल के शुरुआती वर्षों में हमारी आउटपुट टीम का अहम हिस्सा थे और बाद में स्टार न्यूज़ (अब एबीपी न्यूज) में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। अरुण को श्रद्धांजलि और परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना।
अनुराग द्वारी लिखते हैं, स्मृति 20 साल पहले ले गईं, तब स्टार न्यूज़ का न्यूज़रूम। मेरे जैसा प्रिंट मीडिया से आया व्यक्ति वैसे भी शोर शराबे से घबराता था लेकिन कोने में मिले अरूण नौटियाल जी… प्यार से हम कुछ लोगों के लिये ‘नौटी’ सर कहते थे। जैसे वो दरख्त जिसको पकड़ कर आप खड़े हो सकते हैं। धीरे धीरे सम्मान और फिर प्रेम का रिश्ता बना। मुझे याद नहीं वहां तीन सालों में कभी मुझसे नाराज़ हुए हों, बहुत विश्वास करते थे। रात की पाली खत्म करते सुबह के 11 बज जाते। निकलते वक्त प्यार से वो 2 खबरें पकड़ा देते एक प्यारी मुस्कान के साथ तुम ही सबसे बढ़िया लिख सकते हो। फिर पीछे वाले कंप्यूटर के सीपीयू में छोटी सी चुनौटी टाइप निकलती – शैलेन्द्र-रविन्द्र कभी कभार प्रकट होते और मैं खीजता रहता। रात भर काम के बाद भी सर ने स्क्रिप्ट थमा दी, खुद तंबाकू खाने निकल लिये। लेकिन खत्म करता तो वो कहते देखो कहा था ना तुम ही कर पाओगे। पिछले कुछ सालों से बात नहीं हुई फिर भी ख़बर मिलती थी। लेकिन आज सुबह जो खबर मिली वो नहीं मिलनी थी। सर ये उम्र नहीं थी आपके जैसे अनुशासित शख्स के जाने की। बहुत याद आएंगे आप… नमन।
सिद्धार्थ रंगनाथ रामेश्वर लिखते हैं, अरुण नौटियाल सर भी हमें छोड़कर चले गए। इस पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन होनी को भला कौन टाल सका है! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति मिले। अरुण जी न्यूजरूम को जीने वालों में से एक थे। हमेशा प्यार से बातें करते थे। साल 2006 से उनके साथ काम किया था। मुझे टीवी पत्रकारिता का काम सिखाने वालों में अरुण सर भी थे।
अरुण नौटियाल उत्तरकाशी के भेटियारा गांव के रहने वाले थे और प्रसिद्ध स्पेनिश भाषा के प्रोफेसर प्रभाती नौटियाल के भतीजे थे। अरुण के चाचा लक्ष्मी प्रसाद नौटियाल उत्तरकाशी में एक प्रमुख वकील थे। अरुण के पिता का नाम सतीश प्रसाद नौटियाल था।
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