आजकल आम का मौसम चल रहा है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए पंतनगर विश्वविद्यालय की ओर से दिल्ली में आम प्रदर्शिनी लगाई गई। इस प्रदर्शिनी में सुरक्षा से जुड़े अधिकारी, ब्यूरोक्रेट, उद्यमी और अन्य लोग शामिल हुए।
पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के निर्देशन में आम वैज्ञानिक डा. ए.के. सिंह, प्राध्यापक, उद्यान एवं संयुक्त निदेशक, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, पत्थरचट्टा तथा उनकी टीम द्वारा 14 जुलाई 2024 को दिल्ली के आकाश एयरफोर्स ऑफिस मैस में आम महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी समेत तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य अतिथियों एवं पत्रकारों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान उपस्थित रहे।
इस मौके पर सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा आम की विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन करते हुए उनका स्वाद भी चखा। जनरल अनिल चौहान, एडमिरल दिनेश त्रिपाठी एवं अन्य प्रतिभागियों द्वारा आम से संबंधित विभिन्न जानकारियां प्राप्त की गई तथा आम में प्रचुर मात्रा में पाये जाने वाले पोषक तत्वों से संबंधित सूचना उपलब्ध कराने की विशेष रूप से सराहना की गयी।
इस अवसर पर पंतनगर विश्वविद्यालय के उद्यान एवं संयुक्त निदेशक डा. ए.के. सिंह ने बताया कि भारत में लगभग 1200 से अधिक किस्म के आम होते हैं। पंतनगर विश्वविद्यालय में उत्पादित की जा रही 236 प्रजातियों में से भारतवर्ष में व्यवसायिक स्तर पर उत्पादित की जा रही आम की 28 प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही सात उच्च गुणवत्ता युक्त आम के उत्पादन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा संस्तुत विभिन्न तकनीकियों का भी प्रदर्शन किया गया।
डा. ए.के. सिंह ने बताया कि इस आम महोत्सव के दौरान सबसे कम वजन (अंगूर लता) और सबसे अधिक वजन (हाथी झूल) जिसका वजन लगभग 4 से 5 किलो तक होता है को प्रदर्शिनी में रखा गया है। इसके अलावा भी आम की कई अन्य प्रजातियों को इस प्रदर्शिनी में लगाया गया। उन्होंने बताया कि कई रंगीन प्रजातियां भी मार्केट में आ चुकी हैं इसको देखकर ग्राहक इनकी ओर आक्रषित होता है। डा. ए.के. सिंह ने बताया कि भारत से हम अल्फांस और दशहरी को विदेशों में भेजते हैं। अमेरिका में भी दहशरी आम को निर्यात किया जा रहा है। हमारी जो प्रजातियां हैं वह अब यूरोपीय देशों में भी काफी प्रसिद्ध हो चुकी हैं और लोग इनको बहुत पंसद कर रहे हैं।
कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान से मिलकर कई मुद्दों पर बातचीत की और उन्हें पंतनगर यूनिवर्सिटी में आने का न्यौता भी दिया। इस दौरान कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान द्वारा सीडीएस जनरल अनिल चौहान को स्मृतिचित्र भी भेंट किया गया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने इस सफल आयोजन के लिए सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक लगातार उन्नत प्रजाति के फलों को तैयार करने में लगे हुए हैं, जिससे किसान इससे लाभान्वित हो सके।
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