उत्तराखंड का पर्यटन अब तक मुख्य तौर पर धार्मिक और सामान्य पर्यटन तक सीमित था, लेकिन अब सरकार इसमें साहसिक पर्यटन के जरिए नए आयाम जोड़ रही है।
भारतीय वायु सेना समय-समय पर एडवेंचर गतिविधियां करती रहती है। एयरफोर्स हेडक्वार्टर एडवेंचर सेल दिल्ली के तत्वाधान में 27 नवम्बर को चमोली अलकनंदा नदी घाट से ऋषिकेश के लिए वायु सेना के विंग कमांडर विजय भट्ट के नेतृत्व में 14 वायु सैनिकों एवं 2 गाइडों का एक दल एक्सपीडिशन के लिए रवाना हुआ। यह दल 3 दिसम्बर को ऋषिकेश पहुंचेगा। व्हाइट वाटर राफ्टिंग के लिए गंगा नदी सबसे चुनौतीपूर्ण नदियों में से एक मानी जाती है।
विंग कमांडर विजय भट्ट ने बताया कि वायु सेना द्वारा इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर कराए जाते हैं। वायु सैनिकों को एडवेंचर गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है। जहां युवा इससे सेना में आने के लिए प्रेरित होंगे वहीं स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले वायु सेना द्वारा लेह में और गंगा नदी में एक्सपीडीशन किए गए हैं।
गाईड विवेक नेगी ने बताया कि चमोली घाट से एक्सपीडिशन प्रारम्भ हो रहा है जिसमें वायु सैनिकों को व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग में रेस्क्यू, पैड लिंग, कैसे दूसरों को सेव करना है आदि गतिविधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 25 किलोमीटर के हिसाब से सैक्शन बनाए गए हैं। एक्सपीडिशन से स्थानीय नौजवान मोटीवेट होंगे और अपने स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
हाल ही में रैबार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तराखंड में स्प्रिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में बहुत सारे धार्मिक स्थल हैं। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में कौन-सा ऐसा सनातनी स्वावलंबी होगा, जो केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री नहीं जाना चाहता है। हर कोई जाना चाहता है, इसीलिए इसको एक पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए, इसके अलावा उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, क्योंकि वहां हर तरफ सुंदर पहाड़ हैं। मैदानी लोगों को इस तरफ आकर्षित किया जा सकता है।
उत्तराखंड का पर्यटन अब तक मुख्य तौर पर धार्मिक और सामान्य पर्यटन तक सीमित था, लेकिन अब सरकार इसमें साहसिक पर्यटन के जरिए नए आयाम जोड़ रही है। सरकार के विजन के अनुरूप इसके लिए पर्यटन विभाग 700 से अधिक युवाओं को पैराग्लाइडिंग और एडवेंचर का निशुल्क कोर्स करवा रहा है। उत्तराखंड में पर्यटन की नई संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ना सिर्फ इसके लिए नए स्पॉट तलाश रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण भी दे रहा है। इस तरह साहसिक पयर्टन में अपने कौशल के जरिए युवा ना सिर्फ अपना रोजगार, स्वरोजगार कमा सकेंगे, बल्कि उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकेंगे।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *