आउटसोर्स कंपनी ‘ए स्क्वॉयर’ ने कर्नल कोठियाल को भेजा था नियुक्ति पत्र। आम आदमी पार्टी के सीएम पद के प्रत्याशी कर्नल कोठियाल बोले, 48 घंटे में कंपनी को ब्लैकलिस्ट करे सरकार नहीं तो आप करेगी राज्यव्यापी आंदोलन। भाजपा सरकार पर लगाए बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप।
आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार को लेकर उत्तराखंड सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के सीएम पद के प्रत्याशी कर्नल (रिटा.) अजय कोठियाल ने आरोप लगाया है कि उन्हें 25 हजार रुपये की घूस देने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग चंपावत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली है। वह अपना नियुक्ति पत्र लेकर मंगलवार को सचिवालय पहुंचे। उन्होंने आउटसोर्सिंग करने वाली कंपनी पर नौकरी के नाम पर डोनेशन का धंधा चलाने का आरोप लगाया। कर्नल कोठियाल के ‘खुलासे’ के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में अपर सचिव वी. के. मिश्रा से मुलाकात कर पूरा प्रकरण समझाया। कर्नल कोठियाल ने अपर सचिव से कहा कि आपके विभाग द्वारा चयनित आउटसोर्स कंपनी ने मेरी बिना जांच पड़ताल किए और पैसे लेकर मुझे सिक्यूरिटी गॉर्ड की नौकरी दी है। अपर सचिव ने उन्हें बताया कि वह विभाग में नए आए हैं, उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन जांच करवाई जाएगी।
इसके बाद, मीडिया से बात करते हुए कर्नल कोठियाल ने बताया कि उन्हें बाल विकास कल्याण विभाग में भूतपूर्व सैनिक कोटे से चौकीदार की नौकरी के लिए 25000 हजार रुपये की मांग की गई। उनके द्वारा दिए गए एकाउंट में जमा कराई गई और उसके बाद बिना जांच पड़ताल के ही आउटसोर्स कंपनी ने उन्हें सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी देते हुए चंपावत में पोस्टिंग भी दे दी।
उन्होंने कहा कि क्या ऐसे में प्रदेश के युवाओं का भला होगा, जहां सिर्फ पैसे की पूछ है। कर्नल कोठियाल ने आगे कहा कि अधिकारी उन्हें बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर नए अधिकारी के संज्ञान में ये मामला नहीं है, तो किसी ना किसी अधिकारी को तो इस पूरे खेल की जानकारी होगी, जिसकी शह पर आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा अवैध वसूली का खेल चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें सरकार की मिलीभगत है, जिनकी वजह से ऐसी बाहर की कंपनियों को टेंडर आंवटित कर दिए जाते हैं जो यहां के बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर उनसे अवैध वूसली का खेल खेलने का काम कर रही है। कर्नल कोठियाल ने कहा कि भाजपा सरकार चुप है, इससे ये साबित होता है सरकार के सानिध्य में ऐसी बाहरी आउटसोर्स कंपनियां यहां के युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि ये कोई पहला विभाग नहीं है, ऐसे अन्य कई विभाग हैं, जहां आउटसोर्सिंग के नाम पर बेरोजगारों से पैसा तो वसूला ही जाता है लेकिन उन्हें पैसा लेने के बाद भी स्थायी नौकरी नहीं दी जाती और अकसर उन्हें वो वेतन भी नहीं मिलता, जो उनके कॉल लेटर में अंकित किया गया हो।
कर्नल कोठियाल ने आगे कहा कि आखिर सरकार इस मामले पर क्यों चुप है क्योंकि पहले भी ऐसे मामले उजागर हो चुके हैं। लेकिन तब भी जांच नहीं हुई। क्या मुख्यमंत्री या फिर मंत्री जी के इशारे पर ये खेल हो रहा है। बीते 4 सालों में भाजपा ये बताए कि उसने कितने बेरोजगारों को नौकरी दी है, सिर्फ 2 प्रतिशत ऐसे पंजीकृत बेरोजगार हैं जिन्हें चार सालों में सरकार नौकरी दे पाई, क्या ये है इनकी चार साल की उपलब्धि। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी ने उन्हें नौकरी दी, वो लखनऊ की है। सिक्योरिटी गार्ड बनने के लिए उनसे निर्मला सिंह सेवा समिति के एकांउट में 25 हजार रुपये डालने को कहा गया था। लेकिन एनजीओ और ए स्क्वायर कंपनी दोनों का मालिक एक ही व्यक्ति अजय प्रताप सिंह है। कर्नल कोठियाल ने कहा कि इतना बड़ा खेल प्रदेश में सरकार की नाक के नीचे हो रहा है और इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
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