लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ तनाव भले ही कम होता दिख रहा हो लेकिन बीजिंग की हरकतें उसकी नीयत पर संदेह पैदा कर रही हैं। ऐसे में भारत ने भी अपनी सीमाओं की निगरानी और तैयारियों को लेकर चाक-चौबंद व्यवस्था की है। इसी दिशा में ITBP की नई कमान का जिम्मा पहाड़ के सपूत को मिला है।
लद्दाख में बढ़े तनाव के बीच चीन के साथ लगती सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। इस बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की चंडीगढ़ में नई कमान बनी है और इसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के सपूत नवनियुक्त अतिरिक्त महानिदेशक मनोज सिंह रावत को मिली है। आपको बता दें कि चंडीगढ़ में मुख्यालय वाली ITBP की इस पश्चिमी कमान पर ही लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में चीन के साथ लगती भारत की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। ऐसे में ADG मनोज रावत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है।
कमान की जिम्मेदारी संभालने वाले ADG रावत बल के पहले अधिकारी है। अधिकारियों के मुताबिक इस नई कमान का मकसद आईटीबीपी की ऑपरेशन, प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ाना और फील्ड फॉर्मेशंस से संबंधित प्रशासनिक मसलों में सुधार शामिल है।
1986 बैच के आईटीबीपी काडर के अधिकारी जनरल मनोज सिंह रावत के पास भारत और विदेश में फील्ड और प्रशिक्षण का व्यापक अनुभव है। फिलहाल वह नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में ITBP की ऑपरेशन ब्रांच को लीड कर रहे है और चंडीगढ़ में कार्यभार संभालने से पहले अभी कुछ समय तक राष्ट्रीय राजधानी से ही अपनी ड्यूटी निभाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोकस भारत की सीमाओं की सुरक्षा के पूरे तंत्र में सुधार करने के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स की ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाने पर है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब पिछले एक महीने से ज्यादा समय से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं और सैन्य स्तर पर बातचीत के बाद भी तनाव कम नहीं हो रहा है।
लगभग 90,000 कर्मियों वाले बल ने हाल में सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ गतिरोध को ध्यान में रखते हुए अपनी शक्ति बढ़ाई है। केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में दो कमानों के गठन की स्वीकृति दी थी। चीन से लगी एलएसी, लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश में तैनात बल की करीब 35-38 बटालियनों के बेहतर संचालन के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया था।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *