वायुसेना मेडिकल सर्विसेज के डीजी, एयर मार्शल एमएस बुटोला ने साफ कहा है कि आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस इटली भी लॉकडाउन न करने के कारण ही बेहाल हो गया। उन्होंने कोरोना के संक्रमण को लेकर महत्वपूर्ण आंकड़े रखे, जो आपको चौंका सकते हैं।
ई-रैबार में 4 अप्रैल को लाइव चर्चा में शामिल हुए एयर मार्शल एमएस बुटोला, डीजी, मेडिकल सर्विसेज (वायुसेना) ने लॉकडाउन संकट में सेना की भूमिका बड़े ही विस्तार से समझाई। उन्होंने बताया कि कोविड अस्पतालों में 9000 बिस्तर तैयार किए गए। क्वारंटीन सेंटर बनाए गए जिसमें 4500 लोगों को क्वारंटीन किया जा सकता है। इन डेढ़ महीनों में जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, एयरफोर्स ही पूरी मेडिकल सप्लाई, स्टोर के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठा रही है।
लगातार सप्लाई पहुंचा रहे वायुसेना के जहाज
एयर मार्शल (Air Marshal MS Butola) ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अरुणाचल, पूर्वोत्तर के दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल सप्लाई एयरफोर्स के जहाज से निरंतर भेजी जा रही है। यहां तक कि लेह में कोविड सैंपल टेस्ट के लिए लगभग रोज जहाज वहां से नमूने लाते हैं और दिल्ली में टेस्ट कर उसे वापस भेजते हैं।
बोले, पहले भी आई थी महामारी…
डीजी (मेडिकल सर्विसेज) ने कहा कि कोरोना की अभी तो शुरूआत हुई है, आने वाले दिनों में ये बढ़ सकता है। ऐसे में कोरोना योद्धाओं की भूमिका और भी बढ़ेगी। तीनों सेनाओं ने अपने इन योद्धाओं को अनोखे अंदाज में सलामी दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना इंन्फेक्शन से पहले भी कई बार महामारी आई है। पहले सार्स 2002 में, MERS 2012 में हुआ, कोविड-19 पिछले 2019 में शुरू हुआ है। यह कोरोना वायरस फेमिली का है। इसकी खतरनाक बात यह है कि बहुत तेजी से फैलता है।
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कोरोना से बचने के सिर्फ दो तरीके
यह पहली बार फैला है, ऐसे में किसी के भी अंदर उतना रजिस्टेंस नहीं है। इससे बचने के दो ही तरीके हैं या तो वैक्सीन बन जाए और हमें लग जाए तो संक्रमण नहीं होगा, दूसरा तरीका यह है कि अगर 60 से 70 फीसदी आबादी में यह संक्रमण फैल गया तो हर्ड इम्युनिटी के चलते यह आगे नहीं फैलेगा।
60 से 70 प्रतिशत लोगों को संक्रमण?
उन्होंने कहा कि 130 करोड़ की आबादी में सिर्फ 45,000 लोगों में यह संक्रमण हुआ है, जो एक फीसदी भी नहीं है। यानी हर्ड इम्युनिटी के लिए इसे 60 से 70 फीसदी आबादी में फैलना होगा, लेकिन यह स्थिति काफी भयावह होगी। लिहाजा हमें इसे नियंत्रित करने पर जोर देना होगा। लॉकडाउन एक पॉज बटन की तरह है ताकि इस दौरान हम अपनी तैयारियों को पूरा कर सकें, जिससे जब ज्यादा केस आएंगे हम उससे निपट सकें। अगर हम लॉकडाउन नहीं करते तो इटली की तरह के हालात हो जाते।
पहाड़ पर न पहुंचने दें कोरोना…
एयर मार्शल बुटोला ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को किसी भी हालात में पहाड़ पर कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंचने देना चाहिए। वहां स्वास्थ्य सुविधाएं उतनी अच्छी नहीं है, ऐसे में अगर पहाड़ों को कोरोना संक्रमित पहुंचे तो स्थिति संभालनी मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासियों को सरकार उत्तराखंड गेटवे यानी ऐसी जगहों पर क्वारंटीन कर सकती है, जो राज्य के प्रवेश द्वार हैं। उन्होंन कहा कि राज्य सरकार को देहरादून, ऋषिकेश, ऊधम सिंह नगर, रामनगर, कोटद्वार और टनकपुर में लोगों को क्वारंटीन करना चाहिए। इस अवधि को पूरा करने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाना चाहिए।
राज्य सरकार हर हाल में यह कोशिश करे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को क्वारंटीन की अवधि खत्म होने के बाद ही उनके गांवों में जाने दिया जाए। वहां जाकर क्वारंटीन रखना संभवतः सही नहीं होगा।
एयर मार्शल बुटोला की पूरी बात सुनने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें…
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