राज्यसभा में गृह मंत्री शाह ने दी उत्तराखंड आपदा की पूरी जानकारी, देखिए वीडियो क्या-क्या कहा

राज्यसभा में गृह मंत्री शाह ने दी उत्तराखंड आपदा की पूरी जानकारी, देखिए वीडियो क्या-क्या कहा

उत्तराखंड में रविवार को आपदा में कई लोगों की जान चली गई। सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड सरकार समेत केंद्र सरकार दिन-रात प्रभावित लोगों को मदद पहुंचा रही है। बचाव अभियान जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर संसद में बयान दिया है।

उत्तराखंड आपदा पर गृह मंत्री अमित शाह ने आज देश को जानकारी दी है। उन्होंने राज्यसभा में बताया कि 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा की सहायक नदी क्षेत्र में हिम स्खलन की घटना घटी, जिसके कारण नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हो गई। अचानक आई बाढ़ से निचले क्षेत्र में धौलीगंगा नदी पर स्थित NTPC की निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार 8 फरवरी की शाम 5 बजे तक 20 लोगों की जान जा चुकी है और 6 लोग घायल हैं। जानकारी के अनुसार 197 व्यक्ति लापता हैं, जिसमे NTPC के निर्माणाधीन परियोजना के 139, ऋषि गंगा के 46 व्यक्ति और 12 ग्रामीण शामिल हैं।

शाह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा स्थिति की 24 घंटे उत्तम स्तर पर निगरानी की जा रही है। प्रधानमंत्री जी स्वयं स्थिति पर गहरी निगाह रखे हैं। गृह मंत्रालय के दोनों कंट्रोल रूम के द्वारा नजर रखी जा रही है। राज्य को हरसंभव सहायता दी जा रही है। राज्य सरकार ने बताया है कि निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब कोई खतरा नहीं है।

राज्यसभा के सदस्यों ने उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि मैं सदन को केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि राहत और बचाव के सभी संभव उपाय राज्य सरकार के साथ समन्वय के साथ किये जा रहे हैं और जो भी आवश्यक कदम उठाने जरूरी हैं, वो उठाये जा रहे हैं।

टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रातभर के अथक प्रयास के बाद सेना ने टनल के मुंह पर पड़े मलबे को साफ कर लिया है, हमारे लोग काफी अंदर तक गए हैं। – राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह

शाह ने बताया कि 7 फरवरी 2021 के उपग्रह डाटा के अनुसार ऋषि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्र तल से 5600 मीटर ऊपर ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था। जिससे ऋषि गंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड की स्थिति बन गई थी।

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