उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 7 चरणों में चुनाव होंगे। वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा। ये चुनाव कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार होंगे। कोरोना को देखते हुए पांचों राज्यों में मतदान का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही फिलहाल चुनावी रैलियों पर रोक लगाई गई है।
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 7 चरणों में चुनाव होंगे। वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा। ये चुनाव कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार होंगे। कोरोना को देखते हुए पांचों राज्यों में मतदान का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही फिलहाल चुनावी रैलियों पर रोक लगाई गई है। पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी जगह चुनाव अधिसूचना जारी हो गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सात चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा। इसके बाद 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। मणिपुर में दो चरण में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुाव होंगे। 10 मार्च को पांचों राज्यों में वोटों की गिनती होगी।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वो डिजिटल और वर्चुअल तरीके से ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें। इसके लिए आयोग प्रत्याशी की खर्च सीमा को 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया है। आयोग की ओर से साफ कर दिया गया है कि 15 जनवरी 2022 तक कोई भी पद यात्रा, रोड शो, बाइक रैली या जुलूस की इजाजत नहीं होगी। कोई फिजिकल रैली भी 15 जनवरी तक नहीं होगी। इससे आगे के लिए चुनाव आयोग अलग से गाइडलाइंस जारी करेगा। रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। इनमें यूपी की 403, पंजाब की 117, गोवा की 40, उत्तराखंड की 70 और मणिपुर की 60 सीटों पर चुनाव होगा। इस बार 18.34 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाएं करेंगी। कुल 1620 पोलिंग स्टेशनों का संचालन पूरी तरह से महिला स्टाफ के हाथों में रहेगा, सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं होंगी। कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। जरूरी होने पर स्पेशल ऑब्जर्वर भी तैनात किए जाएंगे। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को ऑनलाइन नॉमिनेशन का भी विकल्प मिलेगा। चुनाव आयोग पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट की व्यवस्था करेगा।
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