बोहेको (BOHECO) ने उत्तराखंड में 0.3ः टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (टीएचसी) कॉन्टेंट के साथ स्टैंडर्डाइज़्ड इंडस्ट्रियल हेम्प के पहले प्रोटोटाइप की सफलतापूर्वक खेती की।
भारत की अग्रणी इंडस्ट्रियल हेम्प (औद्योगिक भांग) और मेडिकल कैनाबिस (चिकित्सा गांजा) कंपनी, बॉम्बे हेम्प कंपनी (BOHECO), उत्तराखंड, का नाम भारत में स्टैंडर्डाइज़्ड इंडस्ट्रियल हेम्प के पहले चक्र की सफलतापूर्वक खेती करने वाली कम्पनीज़ में से एक के रूप में दर्ज है।
जिला प्रशासन, बागेश्वर और कृषि विभाग, बागेश्वर के सहयोग से बीज प्रजनन और पादप आनुवंशिकी (प्लांट जेनेटिक्स) में व्यापक शोध के माध्यम से, स्टैंडर्डाइज़्ड इंडस्ट्रियल हेम्प में 0.3ः अनुमानित टीएचसी कंसंट्रेशन है।
यह पहली बार है, जब भारत में कोई कंपनी सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार मानकीकरण के लिए इंडस्ट्रियल-ग्रेड हेम्प की खेती करने में सक्षम हुई है। यह औद्योगिक और बागवानी उपयोगों के लिए भांग के पौधे के बीज, फाइबर और पत्तियों की बड़े पैमाने पर उपलब्धता प्रदान करता है, साथ ही औद्योगिक भांग की व्यावसायिक खेती को और अधिक मजबूत करता है।
इसका विकास टेक्सटाइल, पोषण और निर्माण क्षेत्रों में औद्योगिक उपयोग के अलावा विभिन्न बीमारियों से निजात दिलाने के लिए सूक्ष्म स्वास्थ्य लाभों का उपयोग करने में भी मदद करेगा।
इसके अलावा, यह छोटे और मध्यम किसानों की आय को दोगुना करने में भी मदद करेगा, जिनके लिए भांग पारम्परिक खेती और दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह समूह भारत में उचित मूल्य और औपचारिक मूल्य श्रृंखला से लाभान्वित होगा।
डॉ. बृज किशोर मिश्रा, प्रिंसिपल साइंटिस्ट और चीफ प्लांट ब्रीडर, बॉम्बे हेम्प कंपनी ने कहा, “हम उत्तराखंड सरकार, जिला प्रशासन, बागेश्वर और कृषि विभाग, बागेश्वर के वास्तव में आभारी हैं, जिन्होंने हम पर विश्वास करने के साथ ही राज्य के विकास के लिए भांग के औद्योगिक और औषधीय उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने को लेकर हमारा पुरजोर समर्थन किया।”
डेलज़ाद देवलालीवाला, को-फाउंडर और चीफ लीगल ऑफिसर, बॉम्बे हेम्प कंपनी और चेयरमैन PIMCHA (पैन इंडिया मेडिकल कैनबिस एंड हेम्प एसोसिएशन) ने कहा, “हम इस अद्भुत फसल की जितनी अधिक जांच करते हैं, औद्योगिक और औषधीय उपयोगों के लिए इसकी क्षमता उतनी ही अधिक बढ़ती जाती है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग, बागेश्वर का सहयोग निश्चित रूप से औद्योगिक भांग की व्यावसायिक खेती के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ समग्र अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर छोड़ेगा। भारत में औद्योगिक भांग की खेती के विचार में तेजी लाने में यह एक बड़ी उपलब्धि है।”
कैनाबिडिओल (सीबीडी) और टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (टीएचसी) दो महत्वपूर्ण फाइटोकेमिकल्स हैं, जो कैनाबिस में पाए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय कानून के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार द्वारा विनियमित औद्योगिक भांग में टीएचसी कॉन्टेंट, सूखे वजन या उससे कम के अनुसार 0.3ः है, जो इसलिए प्रासंगिक क्षेत्रों के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों के लिए दवाओं में इसके औद्योगिक उपयोग की अनुमति प्रदान करता है।
बोहेको समूचे भारत में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि इसकी कानूनी खेती को सुगम बनाने के लिए इस पारंपरिक संयंत्र के चिकित्सा और औद्योगिक उपयोग के मूल्य को पहचाना जा सके।
बॉम्बे हेम्प कंपनी (BOHECO)
बॉम्बे हेम्प कंपनी (BOHECO) वर्ष 2013 में स्थापित भारत की अग्रणी इंडस्ट्रियल हेम्प (Industrial Hemp) और मेडिकल कैनाबिस-आधारित कंपनी है, जो हेम्प और कैनबिस लेंस के माध्यम से भारतीय स्वास्थ्य (Health) और कृषि (Agriculture) के भविष्य की पुनर्कल्पना कर रही है। कैनाबिस के पौधे का लगभग हर हिस्सा उपयोगी है।
इसके रेशे बेहद उपयोगी होते हैं; बीज पोषण प्रदान करते हैं; इसकी आनुवंशिकी का अध्ययन गुणवत्तापूर्ण दवा देने में कारगर है; यहां तक कि इसका सॉफ्टवुड भी काम आता है। बोहेको का डिज़ाइन कृषि, प्रौद्योगिकी, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल के मौजूदा उद्योगों के साथ समुदाय, प्रभाव और मूल्य को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
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