नए पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर, पुलिस के वाहन और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। इस ब्रिज के बनने से चीन सीमा पर जाने वाले आईटीबीपी और सेना के जवानों की आवाजाही शुरू हो गई है। साथ ही चीन को जोड़ने वाली सड़क काटने का काम भी तेजी से शुरू हो गया है।
उत्तराखंड में सामरिक रूप से बेहद अहम पिथौरागढ़- मुनस्यारी-मिलम रोड पर बने बैली ब्रिज को सीमा सड़क संगठन (BRO) ने पांच दिन के अंदर फिर बना दिया है। इस ब्रिज के बनने से चीन सीमा पर जाने वाले आईटीबीपी और सेना के जवानों की आवाजाही शुरू हो गई है। साथ ही चीन को जोड़ने वाली सड़क काटने का काम भी तेजी से शुरू हो गया है।
शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर, पुलिस के वाहन और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इस पर दूसरे वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। यह हादसा उस वक्त हुआ जब भारत-चीन सीमा पर एलएसी (Line of Actual Control) से 65 किमी की दूरी पर स्थित सेनरगाड़ नदी पर बने पुल के ऊपर से एक भारी भरकम पोकलैंड मशीन से लदा ट्राला गुजर रहा था। घटना 22 जून सुबह करीब 9 बजे की है।
Video: नया पुल बनकर तैयार
यह हादसा ट्राला चालक की लापरवाही के चलते हुए। दरअसल, वहां तैनात बीआरओ यानी सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी ने चालक को ऐसा करने से रोका था। ट्राला चालक को बताया गया था कि पुल इतना भार नहीं सह सकेगा। इसके बावजूद वह नहीं माना। ट्राला के पुल के बीच में पहुंचते ही पुल बैठ गया। इस हादसे में ट्राले पर सवार दो लोग घायल हो गए।
मुनस्यारी से मिलम तक के सड़क निर्माण कार्य को अगले वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य है। 80 किलोमीटर लंबी इस सड़क परियोजना में से करीब 55 किलोमीटर तक के काम को पूरा कर लिया गया है। शेष 25 किमी चट्टानों को काटने के लिए बीआरओ ने एबीसीएल कंपनी को ठेका दिया है। कंपनी ने 2021 तक सड़क निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
देखें कैसे हुआ था हादसा
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *