भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई करने वाली विजिलेंस की स्पेशल कोर्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर निर्णय लेने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार 08 अक्टूबर तक निर्णय कर लें, अन्यथा 19 अक्टूबर को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।
कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज होगा या नहीं इसके लिए हमें 19 अक्टूबर तक का इंतजार करना होगा, क्योंकि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 19 अक्तूबर की तारीख तय की है। कोर्ट इस मामले में राज्य सरकार के फैसले का इंतजार कर रही है। आपको बता दें कि अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था।
इससे पहले भी एडवोकेट विकेश नेगी भ्रष्टाचार के कई मामले उठा चुके हैं। लगातार मामले उठाते रहने का खामियाजा उनको तड़ीपार होकर चुकाना पड़ा है। उनके खिलाफ कई मुकदमें एक के बाद एक कर दिए गए। लेकिन, उनकी ओर से की गई एक शिकायत पर अब कृषि मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
यह राज्य सरकार के लिए भी एक चुनौती हो गई है। एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा करती है, तो दूसरी ओर मंत्री की विजिलेंस जांच के लिए मुकदमा चलाने का मामला आता है। अब इस मामले में सरकार बुरी तरह से फंस गई है। अगर सरकार जांच की अनुमति नहीं देती है, तो उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े होते हैं और अगर अनुमति देती है, तो सरकार ही निशाने पर आ सकती है। ऐसे में सवाल यही है कि अब सरकार क्या करेगी?
इस मामले में कैबिनेट मंत्री गणेशा जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा या नहीं इसके लिए कोर्ट ने 19 अक्तूबर की तिथि नियत की है। विजिलेंस कोर्ट को मामले में मंत्री परिषद के फैसले का इंतजार है। अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। एडवोकेट विकेश नेगी ने प्रार्थनापत्र देकर विजिलेंस में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। इस पर स्पेशल विजिलेंस जज मनीष मिश्रा की कोर्ट ने विजिलेंस से आख्या मांगी थी। मामले में सुनवाई के दौरान विजिलेंस ने अपनी आख्या के साथ एक पत्र भी कोर्ट में प्रस्तुत किया।
08 जुलाई 2024 का यह पत्र कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की ओर से विजिलेंस को भेजा गया है। इस पत्र में सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) को शिकायत का अपने स्तर से परीक्षण कर यथोचित कार्रवाई करने को कहा गया है। कोर्ट में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुसार मंत्री परिषद कार्यपालिका की निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च संस्था है। इस पत्र से साफ होता है कि यह मामला पहले ही मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है। कोर्ट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है।
भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई करने वाली विजिलेंस की स्पेशल कोर्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर निर्णय लेने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार 08 अक्टूबर तक निर्णय कर लें, अन्यथा 19 अक्टूबर को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।
इस मामले में सीएम धामी के सामने भी बड़ी चुनौती है, जांच करायेंगे तो पार्टी में द्वंद होगा, जांच नहीं करायेंगे तो मंत्री को बचाने के आरोप लगेंगे। संभवतः उत्तराखंड में यह पहला मामला होगा जब कोर्ट ने किसी सीटिंग मिनिस्टर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में इस स्तर का संज्ञान लिया है।
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