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आज ग्राम डुमक जो कि जोशीमठ विकासखंड का सुदूरवर्ती गांव है वह आज भी सड़क एवं दूरसंचार से कोसों दूर है। आजकल यहां भारी संख्या में पर्यटक भगवान रुद्रनाथ के दर्शन के लिए आते है।
READ MOREडॉ. रौतेला बचपन से ही भारतीय सेना में ऑफिसर बनकर अपने देश की सेवा करना चाहते थे परन्तु उनके भाग्य ने साथ नहीं दिया और सन् 1972-73 में फुटबॉल खेलते समय गिरने से उनके दाहिने पांव के कुल्हे की हड्डी में चोट लगने के कारण उनका दाहिना पैर करीब 1 से 1.5 सेमी छोटा होने साथ-साथ दाहिने कुल्हे की गति में कमी आ गयी और वह शारीरिक अपूर्णता की श्रेणी में आ गए। सन् 1979 में सी.पी.एम.टी. (उ.प्र.) की परीक्षा के द्वारा चयनित होकर मोती लाल नेहरू मेडिकल कालेज, इलाहबाद में एमबीबीएस में प्रवेश लिया।
READ MOREद्वाराहाट से लगभग 10-11 कि.मी. की दूरी पर नागार्जुन (नगार्झण) गांव में स्थित श्री नागार्जुन देव का प्राचीन विष्णु मंदिर उत्तराखंड के उन प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों में परिगणित है, जिसका उल्लेख स्कंदपुराणान्तर्गत ‘मानसखंड’ में भी मिलता है। उत्तराखंड के पौराणिक भूगोल की दृष्टि से यही स्थान ‘सुरभि’ नदी का उद्गम स्थान है, जो दक्षिण की ओर बहती हुई विभांडेश्वर क्षेत्र में ‘नंदिनी’ नदी से संगम करती है।
READ MOREप्रकृति की गोद में रची बसी हमारी देवभूमि, अप्रतिम प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां की जीवन शैली में जल, जंगल, पहाड़ और नदी नालों का विशेष महत्व है। यहां से निकलने वाली नदियां पूरे देश को जीवन प्रदान करती हैं और यहां के जंगलों की हवा जलवायु सरंक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अब हम जल, जंगल, जलवायु, जीवन… को एक सीरीज के रूप में निकाल रहे हैं। इस श्रंखला में हम अपने जल, जंगल को कैसे बचा सकते हैं उस बारे में विस्तृत से बताया जायेगा।
READ MOREमेरे परिवार का कोई भी व्यक्ति सेना में नहीं है, लेकिन इस महान भारतीय सेना का हिस्सा होने पर मैं अपने आपको बहुत भाग्यशाली समझता हूं और यह वास्तव में मेरा एक सपना था जो पूरा हुआ था। डेढ़ साल के प्रशिक्षण के बाद, भारतीय सेना की एक सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट, डोगरा रेजीमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन किया। अंत में 31 अगस्त 2021 में सेना मुख्यालय के आईएचक्यू से एडीजी टीए के पद से सेवानिवृत्त हुआ।
READ MOREहर इंसान और समाज अपने समपन्न और सुखी जीवन के लिए में आत्मनिर्भर बनना चाहता है। ठीक उसी तरह सुरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना, हर राष्ट्र का सपना होता है। आज पूरे विश्व में खरबों डॉलर का व्यापार रक्षा-सामाग्री के क्रय-विक्रय में होता है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद आज रूस-युक्रेन युद्ध से यूरोप की रक्षा, ऊर्जा और वित्तीत परिस्थितियों में बड़ा परिवर्तन हुआ है। जिस वजह से कई यूरोपीय देश अपनी सुरक्षा को मजबूत बनाने हेतु बड़ी मात्रा में युद्ध सामाग्री में वृद्धि कर रहे हैं और जाहिर है कि इस प्रक्रिया में खरबों डॉलर का व्यापार होगा। परिस्थिति कुछ भी हो युद्ध सामाग्री आयात से देशों की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पढ़ता है। भारत भी रक्षा सामग्री के आयात से वंचित नहीं है।
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लोकसभा ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के प्रावधानों में संशोधन के लिए वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत संशोधनों को स्वीकार करते हुए वित्त विधेयक 2025 मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही 2025-26 के बजट को पारित करने की प्रक्रिया पर सदन की मोहर लग गई है। वित्त विधेयक को अब चर्चा तथा वापसी के लिए राज्यसभा में भेजा जाएगा जहां उस पर मात्र औपचारिक चर्चा की जाएगी।
READ MOREदिहुली गांव के पीड़ित कहते हैं कि 44 साल में तो उनके आंसू भी सूख गए हैं। देश को झकझोर देने वाले दिहुली हत्याकांड को अंजाम देने वाले राधे-संतोषा गिरोह ने 24 दलितों की हत्या सिर्फ इसलिए की थी क्योंकि इस गिरोह से पुलिस से हुई एक मुठभेड़ में इस गांव के लोगों को पुलिस ने गवाह बनाया था।
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