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असम राइफल्स की स्थापना 1835 में हुई थी। 189 सालों से असम राइफल्स लगातार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहा है। वर्तमान समय में असम राइफल्स की 26 बटालियनें उग्रवाद ग्रस्त इलाके में तथा 20 बटालियनें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा के कार्य में तैनात हैं। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा के पदभार संभालने के बाद उनसे उनकी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को लेकर हिल मेल पत्रिका के संपादक वाई एस बिष्ट ने खास बातचीत की है। इस बातचीत के अंश इस प्रकार हैं –
READ MOREभारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 34 वर्ष से भी अधिक समय तक कोस्ट गार्ड में अपनी सेवाएं दीं।
READ MOREएक तरफ जब देश प्रदेश में तिरंगा फहराया गया तो वहीं दूसरी तरफ देहरादून में एक बेटे का शरीर तिरंगे में लिपट कर आया। स्वतंत्रता दिवस के दिन देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर लाया गया।
READ MOREटिहरी जिले के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने असम राइफल्स के महानिदेशक का पदभार संभाल लिया है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा।
READ MOREकारगिल युद्ध में मां भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय दिया। भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना।
READ MOREकारगिल युद्ध में थल सेना और वायु सेना के बहुमूल्य योगदान को अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है, वहीं नौसेना द्वारा समुद्री क्षेत्र में की गई महत्वपूर्ण कार्रवाइयां काफी कम लोगों को मालूम हैं। इस युद्ध में जहां हमारे राजनीतिक, कूटनीतिक और नौकरशाही शीर्ष तंत्र ने अपनी-अपनी अहम भूमिका निभाई, वहीं भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने एक सुनियोजित संयुक्त अभियान में पाकिस्तान के नापाक इरादों को धराशायी किया।
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अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन बीईजी सैंटर रूड़की में आगामी 11 दिसम्बर से 21 दिसम्बर, 2024 को किया जा रहा है। मेजर लैंसडौन मार्कंडेय मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 की अग्निवीर भर्ती रैली (पुरूष व महिला) का आयोजन बीईजी सैंटर रूड़की में किया जाएगा।
READ MOREउत्तराखंड को हमेशा से वीरों की भूमि कहा जाता है इस भूमि ने देश को अनेक वीर योद्धा दिये हैं जिन्होंने अपने योगदान से देश का नाम रौशन किया है। अब उत्तराखंड के पूर्व सैनिक मांग कर रहे हैं कि वह राजनीति में भी अपना योगदान दें और राजनीति में आकर वह राज्य की सेवा करें।
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