लद्दाख में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। कुछ इलाकों में वह अब भी डटा हुआ है। ऐसे में देश की सेनाओं के सर्वोच्च अधिकारी ने चीन को दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने चीन को जता दिया है कि वह किसी गफलत में रहे।
पूर्वी लद्दाख में चीन अड़ा हुआ है जबकि भारत ने साफ कह दिया है कि अप्रैल की स्थिति में वापस लौटना होगा, इससे इतर कुछ भी स्वीकार नहीं है। इस बीच, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकलता है तो अतिक्रमण के मसले पर चीनियों से निपटने के लिए भारत के पास सैन्य विकल्प खुला है।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध पर रावत ने कहा, ‘लद्दाख में चीन की सेना के अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्प खुले हैं लेकिन इसका इस्तेमाल तभी किया जाएगा जब सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर हो रही वार्ता फेल हो जाती है।’ आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई से ही बॉर्डर पर तनाव चल रहा है।
The military option to deal with transgressions by the Chinese Army in Ladakh is on but it will be exercised only if talks at the military and the diplomatic level fail: General Bipin Rawat, Chief of Defence Staff on the ongoing dispute between India and China in Eastern Ladakh pic.twitter.com/YT6hxzReP5
— ANI (@ANI) August 24, 2020
चीन की सेना ने फिंगर एरिया, गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स समेत कई क्षेत्रों में अतिक्रमण कर लिया था। कई इलाकों से तो वह पीछे हट गया पर अब भी कुछ जगहों पर वह अड़ा हुआ है।
पिछले तीन महीनों से दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है। लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की भी वार्ता हुई लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक सीडीएस ने लद्दाख सेक्टर से चीनियों को पीछे खदेड़ने के लिए सैन्य विकल्प के इस्तेमाल के बारे में ज्यादा डीटेल बताने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि चीनी सेना ने फिंगर एरिया से पूरी तरह से पीछे हटने से इनकार कर दिया है। समझा जा रहा है कि वे जानबूझकर समय काट रहे हैं। भारतीय सेना ने भी लंबे समय तक गलवान में डेरा डालने की तैयारी कर ली है। इसके लिए कड़ाके की ठंड के कपड़े, हथियार व अन्य चीजें इकट्ठा कर ली गई हैं।
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