सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों से कहा है कि ग्राम स्तर पर कार्यरत प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, मीडिया व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों के साथ संवाद बनाएं।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना के मामलों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। सीएम रावत ने साफ निर्देश दिए हैं कि होम क्वारंटीन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ग्राम स्तर पर कार्यरत प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क, सैनेटाइजेशन, फिजीकल डिस्टेंस को लेकर निरंतर लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है।
जो लोग बाहर से आना चाहते हैं उन्हें लाना है…
मुख्यमंत्री ने कहा, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, मीडिया व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कायम रखें। जो लोग भी उत्तराखंड आना चाहते हैं, उन्हें लाया जाना है। बाहर से घर लौटने वाले लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त भी रखना है और उन्हें व्यस्त भी रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे क्वारंटीन सेंटरों की उचित साफ सफाई के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को एनएचएम से 5-5 हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
प्रधानों को दी गई बड़ी जिम्मेदारी, उनके नेतृत्व में काम करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, प्रधान, ग्रामीण समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसे देखते हुए प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है। परंतु इसका मतलब ये नहीं है कि उन्हें अकेले इस काम को देखना है। ग्राम स्तर के प्रशासनिक कर्मचारियों को उनके नेतृत्व में काम करना है। प्रधानों का जो भी व्यय होता है, उसकी प्रतिपूर्ति प्राथमिकता से की जाए।
पॉजिटिव केस बढ़े हैं, लेकिन हमारी तैयारी अच्छी
मुख्यमत्री ने कहा कि इन दिनों में पॉजिटिव केस पहले की अपेक्षा अधिक बढ़े है, परंतु हमारी तैयारी बेहतर है। पेशेंट केयर का हमारा रिकॉर्ड बेहतर रहा है। अभी तक बेहतर तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अब नई चुनौती आई है। इस चुनौती पर व्यावहारिकता और कुशलता के साथ खरा उतरना है। कोरोना से लंबी लड़ाई है। इसके लिए हमें मनोवैज्ञानिक रूप से भी तैयार रहना है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लें। हर वार्ड में चार-पांच लोगों की एक टीम हो। लोगों की आजीविका के लिए भी योजनाओं पर काम करना है। किसानों को बीज उपलब्ध करवाए जाएं। इसी प्रकार केंद्र व राज्य सरकार ने जो योजनाएं घोषित की हैं, उनसे लोग, लाभान्वित हों, यह सुनिश्चित किया जाए।
‘जो भी लोग बाहर से अपने घरों को आ रहे हैं, उन पर लगातार निगरानी रखनी है। इसमें जिलाधिकारी ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों का उपयोग करें। आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जरूरी जांच की जाएं। एक-एक केस को ट्रेस करना है। उनका हेल्थ चेकअप किया जाए। बीआरटी को सक्रिय रखा जाए। कॉल सेंटर के माध्यम से भी आने वाले लोगों से लगातार संपर्क रखा जाता है। रेड जोन से आने वालों को संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाना है। अच्छी प्रतिष्ठा वाले एनजीओ का भी सहयोग लिया जा सकता है। जिस प्रकार गांवों में प्रधानों का सहयोग लिया जा रहा है, उसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों को भी अधिकृत किया जाएगा। पार्षदों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।’ – उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव
‘क्वारंटीन का उल्लंघन करने वालों, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जानी है। हमें लोगों का समझाना भी है और जो न समझे उस पर कार्रवाई की जानी है।’ – डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, डीजीपी
1.30 लाख लोगों की हुई घर वापसी
परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश में वापस आने के लिए अभी तक 2 लाख 33 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। लगभग 1 लाख 29 हजार लोग वापस आ चुके हैं। अभी तक 10 ट्रेनें आ चुकी हैं। और 2 ट्रेनें मार्ग में हैं। निर्धारित एसओपी के अनुसार सारी चेकिंग की प्रक्रिया की जाती है। जिलाधिकारियों को आने वाले लोगों का पूरा विवरण उपलब्ध करवाया जाता है।
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कोरोना से जंग में उतरी यूथ फाउंडेन की वूमन वॉरियर्स - Hill-Mail | हिल-मेल
May 21, 2020, 12:18 pm[…] होम क्वारंटीन तोड़ा तो सख्त कार्रवाई, … […]
REPLYउत्तराखंड में कोरोना डबल के ये आंकड़े दे रहे टेंशन, प्रवासियों के आने से बढ़ा ग्राफ - Hill-Mail | हिल-मेल
May 21, 2020, 1:14 pm[…] होम क्वारंटीन तोड़ा तो सख्त कार्रवाई, … […]
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