सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड की जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखंड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर सुधरेगी।
स्वतंत्रता दिवस पर गैरसैंण को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाओं के साथ उत्तराखंड के विकास की तस्वीर सामने रखने के बाद आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश-विदेश में बसे पहाड़ियों से लौटने की अपील की। उन्होंने ट्विटर पर भावुक संदेश लिखते हुए कहा कि अपने टूटों घरों के ताले खोलिए और उनका रखरखाव कीजिए।
उन्होंने लिखा कि गैरसैंण उत्तराखंड की जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखंड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर सुधरेगी। मैं और मेरी सरकार उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप में ले जाने को वचनबद्ध है। पहल तो हम सबको व्यक्तिगत करनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूं।
आप सभी उत्तराखंडियों से पुनः हाथ जोड़ कर आज घी संक्रांति के पावन अवसर पर अनुरोध भी करता हूं और अपेक्षा भी रखता हूं कि आप सभी अपने अपने गांवों की तरफ रुख करेंगे। अपने टूटे घरों के ताले खोलेंगे,उनका बेहतर रखरखाव करेंगे। सीएम ने कहा कि ‘चलें अपने गांव की ओर’ मुहिम से जुड़ें और आओ पहाड़ आबाद करें।
मैं जानता हूँ कि शुरू में मुश्किल बहुत आएँगी, दिक़्क़तें भी बहुत हैं लेकिन भरोसा दिलाता हूँ कि मोदी सरकार के सहयोग और राज्य सरकार की मेहनत का फल अगले कुछ वर्षों में नज़र आने लगेगा। प्रदेश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है- चुनौतियाँ बहुत हैं, लेकिन हमारा संकल्प उससे कहीं ज़्यादा। https://t.co/MoDiYzhl0j
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) August 16, 2020
उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि शुरू में मुश्किल बहुत आएगी, दिक्कतें भी बहुत हैं लेकिन भरोसा दिलाता हूं कि मोदी सरकार के सहयोग और राज्य सरकार की मेहनत का फल अगले कुछ वर्षों में नज़र आने लगेगा। प्रदेश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है- चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन हमारा संकल्प उससे कहीं ज़्यादा।
मैंने और मेरे सभी सहयोगियों ने पूरी ईमानदारी से उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप की तरफ़ ले जाने और प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए कार्य किया है और यह प्रक्रिया आगे और गति पकड़ेगी। हमारी सरकार पुरानी धारणाएं तोड़ने की कोशिश कर रही है। हम स्वरोज़गार को विकास का माध्यम बना रहे हैं।
सीएम ने कहा कि हम उत्तराखंड में स्वरोज़गार के माध्यम से रोज़गार को बढ़ावा दे रहे हैं। उत्तराखंड की संस्कृति में नौकरी का बहुत बड़ा रोल रहा है और ऐसे में स्वरोज़गार की बात करना एक बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन हम अपने युवा को स्वरोज़गार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प हैं और ऐसा करने से पहाड़ बसेगा।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। सीएम ने गैरसैंण के लिए 12 घोषणाएं कीं, जिसमें सी.एच.सी. गैरसैंण में 50 बेडेड सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की स्थापना की जाएगी। हॉस्पिटल में टेली मेडिसन की सुविधा प्रदान की जायेगी। भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में मिनी सचिवालय की स्थापना की जायेगी।
भराड़ीसैंण क्षेत्र में पम्पिंग पेयजल लाइन का निर्माण कराया जायेगा। भराड़ीसैंण-गैरसैंण में साइनेजेज लगाये जायेंगे। भराड़ीसैंण-गैरसैंण क्षेत्र में जियो ओएफसी, नेटवर्किंग का विस्तारीकरण कार्य कराया जायेगा। लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन, गैरसैंण में 08 कमरों के निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी। गैरसैंण ब्लॉक में कृषि विकास हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की जायेगी। बेनीताल का एस्ट्रो विलेज के रूप में विकास किया जायेगा। भराड़ीसैंण में ईको ट्रेल/ईको पार्क की स्थापना की जायेगी। जीआईसी भराड़ीसैंण में 02 अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण किया जायेगा। राजकीय आईटीआई गैरसैंण का भवन निर्माण एवं उपकरणों हेतु धनराशि स्वीकृत की जायेगी।
उन्होंने कहा था कि पूरा देश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने देशहित में सही समय पर साहसिक फैसले लिए, जिससे यह महामारी नियंत्रित अवस्था में है।अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज दिया है। इसमें मजदूरों, गरीबों, किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है।
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