देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हवाई हादसे में जान चली गई थी। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कर्नल विजय रावत (रिटा.) को भाजपा से जोड़ना सैनिक बहुल प्रदेश में सीएम धामी का एक अहम कदम माना जा रहा है। वह खुद भी सैनिक के बेटे हैं। सीडीएस जनरल रावत के निधन के बाद उन्होंने कई मंचों से उन्हें अपना अभिभावक बताया था।
दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई कर्नल विजय रावत (रिटा.) बुधवार को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने कर्नल विजय रावत को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मौजूद रहे।
इससे पहले, सुबह उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। पहले यह माना जा रहा था कि वह कुछ दिन बाद देहरादून में आधिकारिक तौर पर भाजपा की सदस्यता लेंगे। लेकिन अब पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची कभी भी जारी की जा सकती है, इसलिए उन्हें शाम को ही दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। ऐसा समझा जाता है कि पार्टी उन्हें कोटद्वार विधानसभा से मैदान में उतार सकती है।
इस अवसर पर उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री @madankaushikbjp जी भी उपस्थित रहे। #UttrakhandWithBJP
— Dushyant Kumar Gautam (Modi Ka Parivar) (@dushyanttgautam) January 19, 2022
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कर्नल विजय रावत (रिटा.) को भाजपा से जोड़ना सैनिक बहुल प्रदेश में सीएम धामी का एक अहम कदम माना जा रहा है। वह खुद भी सैनिक के बेटे हैं। सीडीएस जनरल रावत के निधन के बाद उन्होंने कई मंचों से उन्हें अपना अभिभावक बताया था। इसके अलावा सैनिक बहुल उत्तराखंड में पूर्व और सेवारत सैनिकों का झुकाव सत्ता के गणित को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
सीएम धामी से मुलाकात के बाद कर्नल रावत ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी उन्होंने कहा था कि मैं उत्तराखंड में भाजपा के लिए काम करना चाहता हूं। हमारे परिवार की विचारधारा भाजपा से मिलती है। अगर पार्टी चाहेगी तो मैं चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हूं।
इस मुलाकात के बाद सीएम धामी ने ट्वीट किया, दिल्ली में देश के प्रथम CDS और उत्तराखंड के अभिमान स्वर्गीय श्री बिपिन रावत जी के भाई कर्नल विजय रावत जी से भेंट की। बिपिन रावत जी व उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है। मैं सदैव उनके सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड बनाने हेतु कार्य करता रहूंगा।
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हवाई हादसे में जान चली गई थी। उत्तराखंड सरकार देहरादून में बन रहे सैनिक धाम के मुख्यद्वार का नाम स्व. सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखेगी। उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश में आयोजित रैबार कार्यक्रम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अभी तक हमारे उत्तराखंड से 1734 शहीद हुए हैं, उनके घरों से पवित्र मिट्टी को लेकर हम देहरादून आए हैं और उस पवित्र मिट्टी से हम सैन्य धाम का निर्माण कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभी 20 तारीख को वहां उस मिट्टी से उसका पूजन किया था और हमने संकल्प लिया है कि हम उस सैन्यधाम के मुख्यद्वार का नाम हमें अचानक छोड़कर चले गए उत्तराखंड के इस वीर के नाम पर होगा।
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