डीजीपी अनिल रतूड़ी ने साफ कर दिया था कि जमात के लोग खुद सामने आकर अपनी जानकारी दें। इसके लिए छह अप्रैल आखिरी दिन है। इसके बाद अगर कोई जमाती कोरोना संक्रमित पाया गया तो यह माना जाएगा कि उसने अपनी मरकज में जाने की जानकारी जानबूझकर छिपाई।
उत्तराखंड पुलिस ने तबलीगी जमात से जुड़े ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो हाल ही में निजामुद्दीन में हुए जमात के मरकज में शामिल हुए थे और इसकी जानकारी पुलिस से छिपा रहे थे। जमातियों को डीजीपी अनिल रतूड़ी की ओर से दी गई छह अप्रैल की मियाद खत्म होने के बाद पुलिस हरकत में आई है। रुड़की में जमात से लौटकर घर में छिपने और अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के मामले में दो जमातियों पर हत्या के प्रयास समेत आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। दोनों को क्वारंटीन कर दिया है। दोनों के परिवार वालों को भी होम क्वारंटीन कर दिया है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि मरकज से लौटने के बाद ये दोनों कितने लोगों के संपर्क में आए। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं।
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रुड़की के ईमली रोड निवासी हाजी नसीर अहमद दस मार्च को निजामुद्दीन मरकज में गए थे। वह 12 मार्च तक दिल्ली में रहे। इसके बाद वह घर लौट आए। वहीं, जौरासी गांव निवासी अय्यूब अहमद 11 मार्च को निजामुद्दीन मरकज में गए थे। इसके बाद 14 मार्च को अजमेर और फिर दोबारा 18 मार्च निजामुद्दीन मरकज पहुंचे थे। इसके बाद वह अगले दिन गांव पहुंचे। एसपी देहात ने बताया कि दोनों ने घर में छिपने और अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने का अपराध किया है। दोनों के खिलाफ (आईपीसी 307) हत्या का प्रयास, (आईपीसी 336) किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो वह काम करना और धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि हाजी नसीर कोरोना पॉजीटिव पाए गए पनियाला गांव निवासी एक युवक के साथ भी दिल्ली में रहे। यह युवक इनका रिश्तेदार बताया जाता है।
डीजीपी अनिल रतूड़ी ने साफ कर दिया था कि जमात के लोग खुद सामने आकर अपनी जानकारी दें। इसके लिए छह अप्रैल आखिरी दिन है। इसके बाद अगर कोई जमाती कोरोना संक्रमित पाया गया तो यह माना जाएगा कि उसने अपनी मरकज में जाने की जानकारी जानबूझकर छिपाई। ऐसे सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य पुलिस ऐसे लोगों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, attempt to murder की धारा में कार्रवाई करेगी। यदि किसी की गांव या अन्य जगह जमात से जुड़े शख्स के संक्रमण की वजह से किसी की मृत्यु हो जाती है, तो हत्या का मुकदमा भी लिखा जा सकता है।
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उत्तराखंड में 45 हजार लोग क्वारेंटाइन, 24 घंटे में कोई नया पॉजिटिव केस नहीं - Hill-Mail | हिल-मेल
April 7, 2020, 9:04 pm[…] […]
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