कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन चल रहा है। सरकार की ओर से लोगों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें और सामाजिक दूरी के साथ अन्य दिशानिर्देशों का पालन करें पर कुछ सवाल ऐसे हैं जिसके बारे में लोगों को भ्रांतियां दूर करने की जरूरत है।
उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में लोगों ने अलग-अलग तरीकों से कोरोना से बचने का तरीका निकाल लिया है। कोई बाजार से लौटकर पूरे कपड़े धोकर नहा ले रहा है तो कोई दिनभर फर्श और ज्यादा छुई जाने वाली सतहों को साफ करता है। इन सबके बीच किराने की दुकान से सामान, सब्जियां (vegetables coronavirus), फल आदि खरीदने को लेकर काफी डर बना रहता है।
कुछ लोगों को तो यह किसी जंग के मैदान जैसा लग सकता है। अगर आप समझना चाहते हैं कि इन सामानों को खरीदने का सही तरीका क्या है तो आइए पढ़ते हैं कि फूड वायरोलॉजिस्टों ने खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं। इससे हम शॉपिंग को लेकर फैली भ्रांतियों को भी दूर कर सकते हैं।
सब्जियां धोना कितना सही?
एक चिंता सब्जियों की होती है। सब्जी दुकान से लाए तो उसकी अशुद्धियां साफ करने के लिए उसे धोया जाए या नहीं। कोरोना संकट में कुछ लोग सर्फ में उसे धो देते हैं। कुछ लोग तो सैनिटाइजर लिक्विड का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते तो ऐसा करना सही है? विशेषज्ञ बताते हैं कि लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। हां, बहते हुए साफ पानी में इसे साधारण तरीके से धोया जाना ही सही है।
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जानकार इस बात को लेकर भी चेतावनी देते हैं कि सब्जियों पर केमिकल या साबुन का इस्तेमाल अच्छा करने से ज्यादा खराब कर सकता है। पैक्ड सिंक में सब्जियों को धोना तो और भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि पाइप से खतरनाक कीटाणु इसके संपर्क में आ सकते हैं।
ग्लव्स के बारे में भी जान लीजिए
अब बात करते हैं ग्लव्स की। कुछ लोगों को लगता है कि ग्लव्स पहन लिया तो कोरोना वायरस से बच जाएंगे। कुछ मामलों में ऐसा बिल्कुल सही है लेकिन शॉपिंग करते समय ज्यादा अलर्ट होने की जरूरत है। वास्तव में इससे तो वायरस फैलने में मदद मिल सकती है।
विशेषज्ञ कहते हैं, ‘जब आप किराने या अन्य दुकानों के काउंटर या अन्य जगह छूते हैं तो आपके ग्लव्स के संपर्क में काफी चीजें आ जाती हैं। वैसे भी अब तक इस बात के प्रमाण नहीं मिले हैं कि वायरस खाने या खाने की पैकेजिंग से फैलता है।’
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