कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जिस दवा की दुनियाभर में चर्चा है, उसका उत्पादन ऋषिकेश में भी शुरू हो सकता है। जी हां, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की पहल पर यहां स्थित आईडीपीएल फैक्ट्री प्रबंधन से बात की गई है। बताया जा रहा है कि सरकार से औपचारिक अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
दुनियाभर में करीब एक लाख लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस की अब तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है। हालांकि एक दवा है, जिससे कोरोना का प्रभाव कम होने की बात कही जा रही है। उस दवा का नाम है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन। अमेरिका, इजरायल, ब्राजील समेत पूरी दुनिया इस दवा को मांग रही है और भारत की वह देश है जहां सबसे ज्यादा इस दवा का उत्पादन होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मांगने पर भारत एक बार फिर इस दवा की बड़ी खेप भेज रहा है।
भारत अपनी जरूरतें पूरी करने के साथ ही दुनिया के कई देशों में यह दवा भेज रहा है। अच्छी खबर यह है कि उत्तराखंड के ऋषिकेश में भी इस दवा का उत्पादन शुरू करने की दिशा में प्रयास हो रहा है। कोरोना संकट के बीच इस दवा की उपयोगिता को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की पहल पर श्यामपुर जिला पंचायत के सदस्य संजीव चौहान ने आईडीपीएल फैक्ट्री के मैनेजर से बात की है।
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उन्होंने ‘हिल मेल’ से बातचीत में बताया कि आदरणीय सांसद जी ने भी कंपनी के प्रबंधक से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर बात की है। उन्होंने कहा कि कंपनी कई साल पहले तक यह दवा बनाती थी, जब हमें पता चला तो इसे फिर से शुरू करने की कोशिश की गई है। आईडीपीएल ने कहा है कि उन्हें सुविधाएं मिलें तो वह जल्द से जल्द हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन फिर से शुरू कर सकते हैं।
दरअसल, संकट की घड़ी में इस दवा के असर को देखते हुए जरूरत इस बात की है कि दवा का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो। 1961 में ऋषिकेश में स्थापित आईडीपीएल फैक्ट्री में कुछ सालों पहले तक यह दवा बनाई जाती थी। जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान से बातचीत के दौरान फैक्ट्री के मैनेजर रामप्रसाद ने बताया कि फैक्ट्री हर तरीके से दवाई बनाने के लिए तैयार है और फैक्ट्री की सभी मशीनें दवाई बनाने के लिए ठीक हैं।
उन्होंने कहा है कि अगर ऋषिकेश से इस दवा का उत्पादन फिर से शुरू होता है तो कोरोना के खिलाफ जंग में यह बड़ी मदद होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सरकार से मंजूरी मिलते ही फैक्ट्री हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन शुरू कर देगी।
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