महिला उद्यमी, महिला राजनेता, महिला लगाकर बोलना बंद करना होगा। क्यों हम ऐसा सोचते हैं कि किसी राजनीतिक पार्टी के लिए महिलाओं को केवल महिला सीट तक सीमित करना है। यह बदलना चाहिए। महिला राजनेता का टैग हटना चाहिए। वह भी राजनेता है या उद्यमी है… ऐसी ही चर्चा हुई जब हिल-मेल के लाइव शो में शामिल हुईं उत्तराखंड की 3 बेटियां।
हिल-मेल के चर्चित लाइव शो ‘ई-रैबार’ में 30 अप्रैल को मुद्दा था उत्तराखंड में महिलाओं और युवाओं की भूमिका। कार्यक्रम में पैनलिस्ट के तौर पर दीप्ति रावत भारद्वाज, राज्यमंत्री, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन सलाहकार समिति और नेहा जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा युवा मोर्चा की नेशनल मीडिया सह-प्रमुख और आरुषि पोखरियाल निशंक, अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना, पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुईं। एक घंटे से ज्यादा समय तक चली इस शानदार परिचर्चा में तीनों जानीमानी हस्तियों ने बेबाकी से अपने विचार रखे। फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और हिल-मेल की वेबसाइट पर एक साथ प्रसारित हुए इस ऑनलाइन शो में सूत्रधार की भूमिका में रहे मशहूर आरजे काव्य। लाइव के दौरान लोगों के सवालों को भी शामिल किया गया तो आइए एक-एक कर जानते हैं कि क्या कहा उत्तराखंड की इन तीन बेटियों ने राज्य में महिलाओं के भूमिक पर….
दीप्ति रावत भारद्वाज बोलीं, महिलाओं से चल रही इकॉनमी
दीप्ति रावत ने कहा कि उत्तराखंड में हमेशा से महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है। शराब बंदी का आंदोलन हो या चिपको मूवमेंट हर जगह महिलाओं की छाप दिखाई देती है। अब भी प्रदेश की इकॉनमी चलाने का काम महिलाएं ही करती हैं। ज्यादातर लोगों को शिक्षा, रोजगार के लिए पलायन करना पड़ जाता है और इस समय गांव आबाद हैं और चूल्हे जल रहे हैं तो वे सिर्फ महिलाओं के कारण हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को देखें तो बड़ी संख्या में युवा और अन्य लोग प्रदेश लौटे हैं और आगे आएंगे तो हमें यह सोचना होगा कि उनके लिए हम क्या अवसर तैयार कर सकते हैं। यह राज्य शांतिपूर्ण है। देश के प्रमुख स्कूल नैनीताल, मसूरी, देहरादून में हैं। बाहर के लोग भी यहां अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं। रोजगार अहम मसला है, जिसपर तेजी से काम करने की जरूरत है।
शिक्षित महिलाओं की क्षमता का इस्तेमाल करने की जरूरत: नेहा जोशी
सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा युवा मोर्चा की नेशनल मीडिया सह-प्रमुख नेहा जोशी ने कहा कि हमारे प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा का स्तर अच्छा है। अब गांव में भी लड़कियां आमतौर पर स्नातक तक की शिक्षा पूरी कर रही हैं। जब महिलाएं शिक्षित हो रही हैं तो उनकी क्षमता का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन महीने में इस बात पर चर्चा होना जरूरी है कि जो लोग प्रदेश में लॉकडाउन के चलते आए हैं और अगर यहीं रहते हैं तो सरकार की योजनाएं क्या बनाई जाएं और उनके लिए बेहतर माहौल कैसे पैदा किए जाएं।
आरुषि पोखरियाल ने सतत विकास पर रखी अपनी बात
अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना, पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता आरुषि पोखरियाल निशंक ने कहा कि महिलाओं के कारण ही उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य देश के दूसरे भागों की तुलना में काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि अब पूरी दुनिया बात कर रही है कि उन्हें ऐसा विकास चाहिए जो लंबे समय तक चले और संसाधन भी कम इस्तेमाल हों। कोरोना प्रकोप के मद्देनजर मास्क का जिक्र करते हुए उन्होंने समझाया कि खादी के मास्क धोकर दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं और माताओं और बहनों द्वारा तैयार ऐसे मास्क लोगों को दिए जा रहे हैं। यह सतत विकास का एक अच्छा उदाहरण है जिसमें हमारे संसाधन भी बच रहे हैं।
पूरी चर्चा देखने के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें–
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