उत्तराखंड में सामरिक रूप से अहम 8 पुल शुरू, BRO ने रिकॉर्ड समय में देश भर में बनाए 44 ब्रिज

उत्तराखंड में सामरिक रूप से अहम 8 पुल शुरू, BRO ने रिकॉर्ड समय में देश भर में बनाए 44 ब्रिज

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किए राष्ट्र को समर्पित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टीविटी और विकास का नया युग शुरू होगा। इस अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरावणे भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में सामरिक रूप से अहम आठ पुल शुरू हो गए हैं। इन पुलों की कुल लंबाई 390 मीटर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 7 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग मार्ग में नेचीफु सुरंग की आधारशिला भी रखी।

 

जिन पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया गया है, उनमें उत्तराखंड में 08, अरुणाचल प्रदेश में 08, हिमाचल प्रदेश में 02, जम्मू-कश्मीर में 10, लद्दाख में 08, पंजाब में 04 और सिक्किम में 04 पुल शामिल हैं। इन 44 पुलों का कुल स्पान 3506 मीटर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साथ इतने पुलों का उद्घाटन और सुरंग की आधारशिला रखना बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टीविटी और विकास का नया युग शुरू होगा। देश में कोविड-19 में सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान और चीन के साथ हमारी बड़ी सीमा मिलती है, जहां तनाव बना रहता है। हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन सभी समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं।

बीआरओ निभा रहा अहम भूमिका

रक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश में अटल टनल का उद्घाटन किया गया था। सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा के साथ ही विकास में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन पुलों के बनने से स्थानीय आकांक्षाओं की पूर्ति होगी और सेना तक आवश्यक सामग्री पहुंचानें में मदद मिलेगी। सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में इनकी बड़ी उपयोगिता है। इससे दूरदराज के क्षेत्र, विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। रक्षा मंत्री ने बीआरओ की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में बीआरओ के बजट को लगभग तीन गुना किया गया है। हमें इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों के निर्माण के लिए रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और सभी कार्मिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। उत्तराखंड में बनाए गए पुलों से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी सुविधा होगी। इसका क्षेत्र की आर्थिकी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिथौरागढ़ में पुलों की लंबे समय से मांग थी और सपना जैसा लगता था। आज क्षेत्रवासियों का ये सपना साकार हुआ है। ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में कम समय में पुलों का उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण पूरा करना सरकार की प्रतिबद्धता और बीआरओ की कुशलता को बताता है।

 

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जीतेंद्र सिंह, किरन रिजीजू, सांसद अजय टम्टा, चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरावणे, डीजीपी बीआरओ हरपाल सिंह सहित संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और मंत्री, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। देहरादून में मुख्यमंत्री कार्यालय में बीआरओ की शिवालिंक रेंज के चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत एएस राठौड़ भी मौजूद थे।

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