नैनीताल की स्ट्रॉबेरी की डिमांड अब विलुप्त होने की कगार पर

नैनीताल की स्ट्रॉबेरी की डिमांड अब विलुप्त होने की कगार पर

उत्तराखंड के नैनीताल की स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी एक जमाने में अत्यधिक मात्रा में उगाई जाती थी। नैनीताल की स्ट्रॉबेरी की मांग उत्तराखंड समेत देश के दूसरे राज्यों तक थी। लेकिन अब स्ट्रॉबेरी का उत्पादन धीरे धीरे कम होता जा रहा है और बाजार में यूपी से मंगवाई गई हाइब्रिड स्ट्रॉबेरी बिक रही है।

एक समय शहर के निकटवर्ती ज्योलीकोट के गांजा गांव से लेकर भवाली तक करीब 55 से अधिक किसान स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते थे। लेकिन समय के साथ यह संख्या बेहद कम होती चली गई। इस साल कुछ चुनिंदा किसानों ने ही स्ट्राबेरी उगाई है। वह भी स्थानीय प्रजाति की नहीं है बल्कि हाइब्रिड है। बीते साल बारिश न होने के कारण स्ट्रॉबेरी ठीक से तैयार नहीं हुई है। इसके अलावा बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ना, स्थानीय स्तर पर सरकार का इस फसल की ओर ध्यान नहीं देना और दूसरे राज्यों में इसकी खेती को बढ़ावा मिलना भी इसके खत्म होने के प्रमुख कारण माना जाता है। स्ट्रॉबेरी उत्पादन करने वाले काश्तकार दीवान सिंह बोहरा के अनुसार अंग्रेजों के समय से ही उनके गांव गांजा में इस फसल को काफी मात्रा में उगाया जाता था। व्यापारी बड़ी-बडी बॉंस की टोकरियां लेकर स्ट्रॉबेरी लेने गांव में आते थे। यहां की स्ट्रॉबेरी आकार में छोटी पर बेहद स्वादिष्ट और खुशबुदार होती थी। नैनीताल की स्ट्रॉबेरी का जैम भी काफी प्रसिद्ध था। इसके अलावा दिल्ली के बड़े होटलों में भी नैनीताल की स्ट्रॉबेरी की मांग रहती थी।

यूपी से खरीद रहे हैं स्ट्रॉबेरी

दीवान सिंह बताते हैं कि समय बीतने के साथ ही किसानों ने हाइब्रिड स्ट्रॉबेरी को उगाना शुरू किया। शुरुआत के कुछ वर्षों तक तो इसका उत्पादन ठीक रहा। लेकिन अब हाइब्रिड स्ट्रॉबेरी भी यहां पर फल नहीं दे रही। उन्होंने बताया कि बड़े काश्तकार उत्तर प्रदेश के संबल जिले से स्ट्रॉबेरी को खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया की हर सीजन में 9 से 10 हज़ार किलो तक होने वाला उत्पादन केवल 10 से 20 किलो तक में सिमट गया है। पोटेशियम विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला खनिज है, जो शरीर के लिए जरूरी होता है। हालांकि, किडनी रोगियों को इसका सेवन सीमित करने के लिए कहा जाता है। एडवांसेज इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कम पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ क्रॉनिक किडनी रोग के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।

स्ट्रॉबेरी में पोटेशियम कम होता है, जिस वजह से यह किडनी की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी है। स्ट्रॉबेरी विटामिन सी, एंथोसायनिन और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। ये यौगिक ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह बेरी संभावित रूप से किडनी की बीमारी की प्रगति को धीमा कर सकती है। साथ ही इसके सेवन से शरीर की पुरानी बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। स्ट्रॉबेरी के सेवन से हमारे शरीर को कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी मिलते हैं। शरीर में ऑक्सीजन युक्त खून पहुंचाने का काम करता है, वहीं किडनी रक्त को फिल्टर करती है। साथ ही ये रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आपके शरीर में पानी और नमक के स्तर को नियंत्रित करती हैं। आप दिल को स्वस्थ रखने और किडनी को ठीक तरह से काम करने में मदद करने के लिए स्ट्रॉबेरी को खान-पान में जोड़ें।

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