कोलम्बिया पेसिफ़िक्र वर्चुवल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉ सुरेश उनियाल को पीएचडी की उपाधि से किया गया सम्मानित

कोलम्बिया पेसिफ़िक्र वर्चुवल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉ सुरेश उनियाल को पीएचडी की उपाधि से किया गया सम्मानित

पीएचडी की उपाधि से सम्मानित हुए आचार्य सुरेश उनियाल जी महाराज, कोलम्बिया पेसिफ़िक्र वर्चुवल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान की गई डॉक्टरेट की मानद उपाधि।

सीमांत जनपद उत्तरकाशी की यमुना घाटी के नौगांव ब्लॉक, ग्राम डेल्डा बनाल गांव निवासी राज ऋषि यमुना पुत्र सुरेश उनियाल जी महाराज व्याकृणाचार्य, श्री यमुना गोलोक धाम के अध्यक्ष श्री महाराज जी को कोलम्बिया पेसिफ़िक्र वर्चुवल यूनिवर्सिटी द्वारा ज्योतिष (एस्ट्रोलॉजर) गणित फलादेश इस विषय पर पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। पूज्य महाराज डॉ सुरेश उनियालजी अनेक धर्म एवं सामाजिक कार्यों में अपना भरपूर योगदान देते हैं। वह देवी भागवत, राम कथा, शिवपुराण सहित सभी 18 पुराणों पर देश विदेश में प्रवचन देते हैं। यमुना पुत्र सुरेश उनियाल जी महाराज एक सुप्रसिद्ध कथावक्ता हैं। वह भारत सहित अमेरिकी देशों में कथा प्रवचन देते आए हैं।

डॉ सुरेश उनियाल जी महाराज एक सुप्रसिद्ध कथा वाचक हैं, वे श्रीमद् भागवत कथा, भागवत्, राम कथा शिव पुराण आदि कथाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करने कार्य करते आ रहे हैं। महाराज जी उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित देश—विदेश में भी कथा प्रवचन देने जाते—आते रहते हैं। डॉ सुरेश उनियाल जी का मानना है कि निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। मनुष्यों का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं।

डॉ सुरेश उनियाल जी बताते हैं कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान अपने शरीर को प्रधान मान लेता है, जबकि शरीर नश्वर है। वे कहते हैं कि, भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निष्काम हो वही सच्ची भक्ति है।

आचार्य सुरेश उनियाल जी यमुना घाटी के नौगांव—बड़कोट के डेल्टा गांव के निवासी हैं, उनकी प्रारंभिक शिक्षा—दीक्षा गांव में ही हुई है, तत्पश्चात उन्होंने पुरोला संस्कृत विद्यालय से 10वीं की परीक्षा उत्तीण करने के बाद वे हरिद्वार संस्कृत विद्यालय से 12वीं एवं बी.ए., एम.ए. व्याकरणाचार्य (हरिद्वार से वृंदावन व बनारस से) करने के पश्चात कई वर्षों तक हरिद्वार एवं वृद्वावंन में संतों के सानिध्य में ज्योषित का कार्य करते रहे।

वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद एवं उत्तराखंड के विकास नगर एवं पुरोला में निवासरत हैं। वे समय—समय पर इन तीनों जगह भ्रमण करते रहते हैं। दिल्ली—एनसीआर में वे राज ऋषि यमुना पुत्र सुरेश उनियाल जी महाराज के नाम से प्रसिद्ध हैं। परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी एवं बेटा है। महाराजश्री की धर्मपत्नी उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं तथा बेटी विश्व की प्रसिद्ध कंपनी गूगल में कार्यरत हैं तथा बेटा रूस से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है।

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