ई-रैबार : NDMA के सदस्य राजेंद्र सिंह ने बताया, कैसे भारत लड़ रहा कोरोना से जंग

ई-रैबार : NDMA के सदस्य राजेंद्र सिंह ने बताया, कैसे भारत लड़ रहा कोरोना से जंग

हिल मेल की ‘ई-रैबार: उत्तराखंड के कल की बात’ पहल में उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन एवं औद्योगिक गतिविधियां विषय पर हुई लाइव चर्चा में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ. केए पंवार शामिल हुए। लाइव चर्चा में डॉ. राजेंद्र सिंह ने क्या कहा, आइए जानते हैं…

लॉकडाउन के बाद के उत्तराखंड की परिस्थितियों, अर्थव्यवस्था और विकास पर मंथन के लिए हिल मेल द्वारा शुरू की गई ‘ई-रैबार’ पहल में सोमवार 27 अप्रैल को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य राजेंद्र सिंह शामिल हुए। लाइव शो के दौरान उन्होंने कोरोना महामारी पर भारत की तैयारियों को लेकर शुरुआत से जानकारी दी और भरोसा जताया कि बहुत जल्द सब ठीक हो जाएगा और देश और उत्तराखंड एक बार फिर तेजी से आगे बढ़ेगा।

कोरोना आने से पहले की बात

एनडीएमए के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले हम प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से गाइडलाइन बनाया करते थे और उसके हिसाब से काम किया करते थे। यह आपदा मेडिकल नेचर की आपदा है। इसका पूर्व ज्ञान भारत या दूसरे किसी देश को नहीं था लेकिन भारत सरकार ने इस चुनौती से लड़ने के लिए जिस तरह से खुद को तैयार किया है, उससे पूरा विश्व चकित है कि 130 करोड़ लोगों का देश हिंदुस्तान कैसे कर पा रहा है।

फरवरी में क्या थीं तैयारियां?

उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत में ही हमने तैयारियां शुरू कर दी थीं। फरवरी में ही अस्पतालों की तैयारियों के बारे में जानकारी ली गई और उसमें सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया गया। मार्च में स्कूल, कॉलेज, धार्मिक संस्थान आदि जगहों को बंद किया गया। उस समय हम हर रोज विदेश में फंसे लोगों को स्वदेश लाया जा रहा था। भारतीय या विदेशी सबके लिए 14 दिन क्वारंटीन में रहने का निर्देश दिया गया। सेना ने क्वारंटीन सेंटर बनाए जो काफी महत्वपूर्ण था।

लाइव चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा, एनडीएमए के सदस्य राजेंद्र सिंह, आरजे काव्य और डॉ. केएस पंवार।

 

लॉकडाउन से पहले ही फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से जानकारी ली गई कि उनके पास कितना अनाज का भंडार है। नेफेड से हमने दालों को लेकर बात की। जब सरकार ने समझ लिया कि आगे स्थिति को कैसे नियंत्रण में रखना है, उसके बाद लॉकडाउन जैसा बड़ा फैसला लिया गया।

सही समय पर पीएम का सही फैसला

महामारी से निपटने की पूर्व तैयारियों के सवाल पर राजेंद्र सिंह ने कहा कि हम चीन, इटली, अमेरिका जैसे देशों में बिगड़ते हालात को देख रहे थे, ऐसे में भारत सरकार ने 15-20 दिनों में अपनी तैयारियां उसी हिसाब से पूरी कर ली थी। लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरकार ने 11 स्पेशल टीमों का गठन किया जो अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत में कहा गया है कि महान लोग अपना कर्तव्य पूरा करने में देरी नहीं करते हैं। पीएम ने सही समय पर सही फैसला लिया और आज हम देख रहे हैं कि दुनिया के देशों की तुलना में भारत कितनी सुरक्षित स्थिति में है।

1.5 करोड़ लोगों को खिलाया जा रहा खाना

एनडीएमए के सदस्य ने आगे कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को डॉक्टर, सफाईकर्मी, सरकारी अफसर सभी मिलकर जी जान से लड़ रहे हैं। राज्य सरकारें और एनजीओ मिलकर करीब डेढ़ करोड़ लोगों को हर रोज खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें प्रवासी श्रमिक और ऐसे लोग शामिल हैं, जिनकी आजीविका छिन गई है। कई धार्मिक संस्थान भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

190 पार्सल ट्रेनें चल रही हैं

राजेंद्र सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद सभी ट्रेनें रुक गई थीं लेकिन सामानों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए आज की तारीख में 109 पार्सल ट्रेनें पूरे देश में चल रही हैं। उड़ान स्कीम के तहत उड़ने वाले प्लेन के जरिए मेडिकल उपकरण आदि राज्यों में पहुंचाए जा रहे हैं। मालगाड़ियों के जरिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिलने वाले राशन का तीन महीने का कोटा राज्यों को पहुंचा दिया गया है। सोशल सर्विसेज की लाल रंग की मार्शल गाड़ियों को भी पैसे बांटने आदि के काम में लगाया गया है। ये गाड़ियां पहले 30-40 किमी ही चलती थीं लेकिन अब ये लंबी दूरी तक जा रही हैं।

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पहले थे 22.5 लाख ट्रक, 40 प्रतिशत सड़क पर लौटे

उन्होंने बताया कि पहले एक दिन में साढ़े 22 लाख ट्रक सामान लेकर सड़क पर चलते थे। लॉकडाउन के समय जो जहां था वहीं छोड़कर गया लेकिन आज के दिन में 40 प्रतिशत ट्रक सड़क पर आ गए हैं। ड्राइवरों ने कहा कि रास्ते में ढाबे नहीं खुले हैं तो उसे खुलवाया गया। आगे राज्य सरकार के साथ मिलकर पेट्रोल पंपों के पास वर्कशॉप को भी खुलवाया गया ताकि सारे ट्रक सुचारू रूप से चल सकें।

राजेंद्र सिंह ने कहा कि देश में 2600 मंडियां काम करती थीं और आज के समय में किसानों या किसी और को कोई दिक्कत न हो तो इसके लिए 1800 मंडियां काम करने लगी हैं। इसी तरह से 11 स्पेशल टीमें अपने-अपने क्षेत्र में काम कर रही हैं।

भूमि के हिसाब से बनाना होगा प्लान

उत्तराखंड को लेकर राजेंद्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे सब सामान्य होगा और भारत तेजी से आगे बढ़ेगा। हमें कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर टिहरी, चमोली, पौड़ी जिलों की भूमि किस चीज के लिए अच्छी है, उसके हिसाब से प्लान बनाना होगा। ऐसे न हो कि एक ने अखरोट या सेब लगाया तो सब वही कर रहे हैं। पर्यटन के हिसाब से उत्तराखंड को वन स्टॉप डेस्टिनेशन बनाने पर ध्यान देना होगा। बच्चों से लेकर बुजुर्ग सबके लिए उत्तराखंड में ढेरों चीजें हैं।

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