बदरीनाथ धाम क्षेत्र में नमाज़? कई हिंदू संगठनों ने जताया कड़ा विरोध, चमोली पुलिस की बात भी सुनिए

बदरीनाथ धाम क्षेत्र में नमाज़? कई हिंदू संगठनों ने जताया कड़ा विरोध, चमोली पुलिस की बात भी सुनिए

क्या ईद पर बदरीनाथ धाम में नमाज पढ़ी गई? ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। कई हिंदूवादी संगठनों और संतों ने इस पर कड़ा रोष व्यक्त किया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। चमोली पुलिस ने वीडियो जारी कर स्थिति स्पष्ट की है।

देश-विदेश के हिंदुओं के प्रमुख देवस्थल बदरीनाथ धाम में ईद की नमाज पढ़े जाने का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। कई हिंदू संगठनों और आम लोगों ने इसपर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोगों को भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस प्रशासन की ओर से बताया गया है कि मंदिर से करीब 1 किमी पहले पार्किंग बन रही है और वहीं पर स्थानीय ठेकेदार के मजदूरों ने शायद 21 जुलाई को नमाज पढ़ी होगी। हालांकि इसका कोई प्रत्यक्षदर्शी, फोटो या वीडियो नहीं है।

पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान ने श्री बद्रीनाथ धाम के संबंध में वायरल सूचना पर एक वीडियो संदेश भी जारी किया। उन्होंने अनुरोध किया है कि बिना तत्थयों की पुष्टि किए कोई भी भ्रामक खबर साझा ना करें। उधर, लोगों का कहना है कि वह पूरा क्षेत्र धाम है, वहां अगर मंदिर से एक किमी दूर भी नमाज पढ़ी गई तो वह गलत है। इसकी जांच की जानी चाहिए।

उधर, संतों ने कड़ा रोष जताते हुए उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने उस दिन नमाज पढ़ी थी। खबर है कि 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। स्थानीय लोगों ने पूरी घटना का विरोध करते हुए गुरुवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ धाम में कोरोना का हवाला देते हुए लोगों को घुसने नहीं दिया जा रहा, वहीं यहां ईद की नमाज हो जा रही है। बड़ी संख्या में लोगों ने मंदिर के पास विरोध प्रदर्शन किया।

स्वामी दर्शन भारती ने कहा, यह एक बड़ा संदेश है

उत्तराखंड रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि भगवान बद्री विशाल में नमाज अदा करके उन्होंने इस्लामिक लोगों को एक बड़ा संदेश दिया है कि हमने इतने महत्वपूर्ण देवस्थल में भी नमाज पढ़ ली। उन्होंने कहा कि हमें किसी दूसरे धर्म या मस्जिद से कोई आपत्ति नहीं है, जहां उचित जगह है वहां बनाइए नमाज पढ़िए लेकिन हिंदू देवस्थल से दूर रहिए।

पार्थसारथि थपलियाल बोले- यह शरारतपूर्ण कृत्य

भारतीय संस्कृति सम्मान अभियान के संयोजक पार्थसारथि थपलियाल ने कहा कि हिंदुओं के पवित्र तीर्थ बदरीनाथ जहां सतयुग से भगवान विष्णु की आराधना की जाती है, इस धाम पर नमाज़ पढ़े जाने से सनातन धर्मावलंबियों में रोष है। उन्होंने कहा कि यह शरारतपूर्ण कृत्य है। देवभूमि में स्थित सनातन धर्म के पूज्य स्थल जहां पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है वहां नमाज का पढ़ा जाना कोई साधारण बात नही है। यह जानबूझकर चुनौती जैसा कृत्य है। थपलियाल ने कहा कि अजान में कहा जाता है कि अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह के अलावा कोई पूजनीय नहीं है। अगर कोई पूजनीय नहीं है तो क्या हिंदुओं की आस्था का निर्णय कोई दूसरा करेगा। यह वैसी ही बात हो गई जैसे कोई आदमी आपके घर में आकर आपको गाली देकर चला जाए। सनातनी विश्व बंधुत्व की भावना रखते हैं और सहिष्णु हैं लेकिन यह असहनीय है कि कोई आपके सामने आपकी मान्यता को चुनौती दे। सनातन संस्कृति के माननेवालों विशेष रूप से चारधाम के तीर्थ पुरोहितों और आम जनता को इस घटना से सबक लेने की आवश्यकता है।

उन्होंने मांग की है कि उत्तराखंड सरकार इस घटना पर शीघ्र कार्यवाही करें। धर्मनिरपेक्षता का धर्म यदि उसके लिए जरूरी हो तो मस्जिदों में हिंदुओं को भी पूजा करने की व्यवस्था करे। क्या मक्का में किसी हिन्दू को जाने की अनुमति होती है? स्वामी1008 अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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