ई-रैबार: दिग्गजों ने समझाया, कोरोना संकट में कैसे ‘ढाल’ बन सकते हैं पूर्व सैनिक

ई-रैबार: दिग्गजों ने समझाया, कोरोना संकट में कैसे ‘ढाल’ बन सकते हैं पूर्व सैनिक

उत्तराखंड में कोरोना संकट, सीमा पर चीन और नेपाल की हरकतों के साथ-साथ प्रदेश के विकास पर ढेर-सारी चर्चा हुई जब हिल मेल के ई-रैबार कार्यक्रम में सेना के रिटायर्ड अफसर शामिल हुए। उन्होंने बताया कि पहाड़ में मौजूद एक्स सर्विसमेन का सरकार कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकती है।

कोरोना संकट और उसके बाद लॉकडाउन के इस दौर में उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों की क्या भूमिका है और वे कैसे अपने अनुभव का लाभ आम जनता के साथ-साथ सरकारों को दे सकते हैं। इसी विषय पर बात हुई हिल मेल के ई-रैबार के मंच पर। कार्यक्रम में लाइव जुड़े ब्रिगेडियर (रिटा.) पीपीएस पहावा, एमडी, यूपीएनएल, ले. जनरल (रिटा.) डॉ. मोहन भंडारी, पूर्व चेयरमैन, यूकेपीएससी और रियर एडमिरल (रिटा.) ओपीएस राणा, पूर्व जीएम, ब्रह्मोस एयरोस्पेस। इनके साथ चर्चा की वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने।

रोजगार की टेंशन बढ़ने वाली है…

यूकेपीएससी के पूर्व चेयरमैन ले. जनरल (रिटा.) डॉ. मोहन भंडारी ने कहा कि यह राज्य अब तक राजनीतिक संकटों से जूझ रहा है। 19 साल में 11 सीएम बदल चुके हैं। जो राज्य राजनीतिक रूप से स्थिर नहीं हो सकता तो आर्थिक दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। उत्तराखंड के हालात के कारण हम अपने लोगों की देखभाल नहीं कर पाए, उद्योगों को ऊपर नहीं ला पाए, 5 लाख लोग पलायन कर चले गए और अब वही लोग वापस आ रहे हैं। यह बड़ी विभीषिका है।

पढ़ें- उत्तराखंड में कोरोना से दूसरी मौत, आज आए कोरोना के 20 नए मामले

उन्होंने कहा कि अगर इनके पास काम होता, अगर हम इन लोगों को नौकरी दे पाते तो ये बाहर जाते ही नहीं। बाहर भी इन लोगों का काम कोई संतोषजनक नहीं है क्योंकि ये कम पैसे में काम कर रहे हैं। अभी जोश है, लोग घरवालों से मिल रहे हैं लेकिन रोजगार की टेंशन बढ़ने बढ़ने वाली है। ये कहां रहेंगे क्योंकि सैकड़ों गांव तो भुतहा हो गए हैं।

फौजी अपना योगदान देने के लिए तैयार हैं…

लेफ्टिनेंट जनरल मोहन भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड में 2011 की गणना के मुताबिक 1 करोड़ से ज्यादा लोग हैं। इसमें एक लाख से ज्यादा लोग एक्स सर्विसमेन हैं और एक लाख लोग नौकरी में हैं। इसके अलावा काफी लोग पैरा मिलिट्री फोर्स में हैं। जो फौजी वापस आए हैं, उनका इस्तेमाल उस चीज में किया जाना चाहिए जिसमें उन्हें 20-30 साल प्रशिक्षित किया गया है। राज्य सरकार को एक डेटाबेस बनाना चाहिए और राज्य में बड़ी संख्या में फौजी हैं जिन्हें पहचान और सम्मान चाहिए और कुछ नहीं चाहिए। वह अपना योगदान करने के लिए तैयार है।

पढ़ें- मिलिए देवभूमि के उन लोगों से, कोरोना से जंग में जिनका अहम योगदान

एमडी, यूपीएनएल ब्रिगेडियर (रिटा.) पीपीएस पहावा ने कहा कि मैं हमेशा पॉजिटिव सोच में विश्वास रखता हूं। पलायन आयोग ने एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश की है, जिसमें उन्होंने मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, डेयरी, फ्लोरी कल्चर समेत कई क्षेत्रों में लोन दिए जाने की योजना है। हालांकि लोग अभी लोन लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

पहाड़ों पर सोलर प्लांट एक बढ़िया माध्यम…

पूर्व जीएम, ब्रह्मोस एयरोस्पेस रियर एडमिरल (रिटा.) ओपीएस राणा ने कहा कि कोरोना स्टेट के विकास में रुकावट डाल रहा है। अभी हमारे यहां केस काफी कम है। अभी कई क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें पूर्व सैनिक लोगों की रोजगार के लिहाज से मदद कर सकते हैं। इनमें से एक क्षेत्र पहाड़ों में सोलर एनर्जी का है। पहाड़ की हाइट पर प्लांट लगाए जाएं, पावर मिलेगी तो इंडस्ट्री चलाने में मदद मिल सकती है। इससे नौकरी बढ़ेगी तो लोग भी रुकेंगे। मेडिकल कोर से जो अनुभवी लोग आ रहे हैं, उनका फायदा हेल्थकेयर में उठाया जा सकता है।

Please accept YouTube cookies to play this video. By accepting you will be accessing content from YouTube, a service provided by an external third party.

YouTube privacy policy

If you accept this notice, your choice will be saved and the page will refresh.

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this