टिहरी गढ़वाल में होने वाली ऐतिहासिक रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी के आजाद मैदान में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्र होने के बाद देहरादून में इसको 21 वर्षो बाद भव्य रूप से 2023 में पुनर्जीवित किया गया।
‘श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून (पंजी.)’ द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी-नगर के ‘आजाद मैदान, टिहरी नगर, निकट बंगाली कोठी, दून यूनिवर्सिटी रोड़, देहरादून’ में 11 दिन की ’भव्य रामलीला’ का मंचन शारदीय नवरात्रों में 03 से 13 अक्टूबर 2024 तक किया जाएगा।
‘श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून’ के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा कि गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी की रामलीला ‘आजाद मैदान’ में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्र होने के बाद देहरादून में इसको 21 वर्षो बाद भव्य रूप से 2023 में पुनर्जीवित किया गया। 2023 में आयोजित भव्य रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लेजर शो व डिजिटल लाइव टेलीकास्ट का प्रसारण किया गया था जिससे विभिन्न माध्यमों के द्वारा हमारे रामलीला मंचन को 2023 में रिकॉर्ड 10 लाख लोगों तक पहुंचने में सफलता पाई। इससे गढ़वाल के इतिहास को भव्य रूप से पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।
इस बार रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार डिजिटल लाइव टेलीकास्ट सिस्टम से रामलीला मंचन का प्रसारण को 50 लाख से अधिक दर्शकों द्वारा देखा जाएगा। तकनीक में डिजिटल स्क्रीन व अन्य डिजिटल टेक्नोलोजी के माध्यम से मंचन की व्यवस्था की जाएंगी। कलाकारों में मूलरूप से उत्तरकाशी निवासी अनिल नौटियाल भटवाड़ी, उत्तरकाशी, ऋषिकेश आदि कई प्रसिद्ध रामलीलाओ के अनुभव के साथ राम का पात्र निभाएंगे और साथ ही गढ़वाली फिल्मों की प्रसिद्ध गायिका “प्यारी निर्मला“ फेम शिवानी नेगी और ‘कान्हा रे कान्हा’ फेम पूनम सकलानी जैसे प्रसिद्ध कलाकार भी इस रामलीला में अभिनय करेंगे।
उल्लेखनीय है की देहरादून स्थित ‘टिहरी नगर’ में रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 03 अक्टूबर 2024 से भव्य रूप से आयोजित करी जाएगी, जिसमे गढ़वाल के टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, कुमाऊं, मैदानी व उत्तराखंड से बाहर के कई क्षेत्रों के लोग डिजीटल प्रसारण हेतु संपर्क कर रहे है। संस्कृति और तकनीक के अद्भुत संगम की ऐसी भव्य रामलीला का उत्तराखंड के प्रमुख क्षेत्र गढ़वाल, कुमाऊँ व उत्तराखंड से बाहर के क्षेत्र में विभिन्न डिजिटल माध्यम से 50 लाख से अधिक दर्शकों तक पहुंचने वाली या उत्तराखंड की पहली रामलीला होगी।
इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद, मंचन आदि सब गढ़वाल की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे गढ़वाल के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। प्रेस वार्ता में अध्यक्ष अभिनव थापर, सचिव अमित पंत, शिव प्रसाद नौटियाल, गिरीश चंद्र पांडेय, नरेश कुमार, मनोज कुमार जोशी, शिवानी नेगी, पूनम सकलानी, उर्मिला पंत, गुड्डी थपलियाल, अजय पैन्यूली, बसंती जिल्दियाल आदि ने भाग लिया।
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