जीबी पंत विश्वविद्यालय में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

जीबी पंत विश्वविद्यालय में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

विश्वविद्यालय के मशरूम अनुसंधन एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर स्वरोजगार योजना के तहत चार-दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा किया गया।

इस अवसर पर डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि मशरूम की खेती को किसानों द्वारा समेकेति कृषि पद्धित के साथ अपनाने से काफी लाभ प्राप्त होता है साथ ही मशरूम उत्पादकों को नये उत्पाद बनाने की सलाह दी जिसमें मशरूम को मडुवा, मिलेट, आइस्क्रीम आदि के साथ मूल्यसंवर्धन करने का सुझाव दिया।

इसी क्रम में निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन ने मशरूम के पोषकीय तथा औषधीय महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन तथा मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के संयुक्त निदेशक डॉ. एस.के. मिश्रा ने उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय पदार्थो तथा स्थानीय तकनीक को अपनाकर मशरूम की टिकाऊ खेती पर बल दिया, जिससे जहां पर कच्चे पदार्थ सर्व सुलभ है वहां पर उत्पादन लागत कम की जा सके।

वहीं दूसरी ओर उद्यम के रूम में मशरूम का उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया। इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि डॉ. सुभाष चन्द्रा तथा पादपरोग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं बिहार से कुल 45 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।

जनजातीय उप योजना के अंतर्गत दो-दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

विश्वविद्यालय के अधीन संचालित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा वित्त पोषित जनजातीय उप योजना के अंतर्गत ‘मशरूम उत्पादन और इसके मूल्यवर्धित उत्पादों तथा उनके विपणन और उद्यमिता विकास के माध्यम से जनजातीय समुदाय का सशक्तिकरण’ हेतु दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव परसारी, जोशीमठ, जिला-चमोली में आयोजित किया गया।

यह परियोजना डॉ. श्वेता चौधरी के नेतृत्व में चल रही है। इस कार्यक्रम के परियोजनाधिकारी, टी.एस.पी., समन्वयक डॉ. श्वेता चौधरी एवं सह परियोजाधिकारी टी.एस.पी., उप-समन्वयक डॉ. किरन राना थे। हीना कौसर, एस.एम.एस., पौध संरक्षण, के.वी.के., चमोली एवं शुभम बडोला, प्रगतिशील कृषक, काशीपुर ने मशरूम की खेती, ढांचा, व्वाध बनाना, कीट प्रबंधन और मूल्य सवंर्धित उत्पाद बनाना बताया।

डॉ. श्वेता चौधरी एवं डॉ. किरन राना ने मशरूम के विपरण, पैंकेजिग विचार, स्टार्टअप समर्थन योजनाएं एवं मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।प्राध्यापक, प्रसार शिक्षा निदेशालय डॉ. निर्मला भट्ट एवं फेडरेशन समूह की सचिव, सुमेधा भट्ट ने मशरूम से बनने वाली उत्पादन जैसे आचार, पाउडर आदि के बारे में जानकारी एवं मशरूम को सुखाने की विधि भी सिखाई।

इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे किसानों को ऑस्टर मशरूम रेडिमेड बैग, बटन मशरूम रेडिमेड बैग, प्लास्टिक स्प्रे, फोर्मेलिन एवं कैमिकल आदि सामग्री वितरित किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 30 महिला किसानों ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में महिला किसानों तथा परियोजनाधिकारी डॉ. श्वेता चौधरी, सह परियोजनाधिकारी, डॉ. किरन राना, एस.एम.एस., पौध संरक्षण हीना कौसर, प्राध्यापक, डी.ई.ई., डॉ. निर्मला भट्ट एवं फेडरेशन समूह की सचिव, सुमेधा भट्ट, ओ.आई.सी. के.वी.के., डॉ. शिव दयाल एवं प्रगतिशील कृषक, शुभम बडोला भी उपस्थित थे।

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