29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गए। पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। बताया कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं।
उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक पर गए चार ट्रैकर की ठंड लगने से मौत हो गई। 18 ट्रैकर वहां फंसे हैं जिनमें से सात की तबीयत खराब है। ये सभी मौसम खराब होने के कारण रास्ता भटक गए थे। जिले की ट्रैकिंग एजेंसियों के माध्यम से जिला आपदा प्रबंधन को इसकी सूचना मिली। जिससे विभाग ने रेस्क्यू के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गए। पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। बताया कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं।
इसके बाद ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक ने अपने ट्रैकिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को सूचना दी। एसोसिएशन ने जिला आपदा प्रबंधन विभाग को इसके बारे में बताया और ट्रैकर्स को सुरक्षित निकालने की मांग की। प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए व्यवस्थाएं जुटानी शुरू कर दी हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि चार ट्रैकर्स की मौत और अन्य ट्रैकर्स के फंसने की सूचना मिली है। ट्रैकिंग टीम में कर्नाटक के 18, महाराष्ट्र का एक और तीन स्थानीय लोग शामिल थे। एसडीआरएफ रेस्क्यू के लिए रवाना हो चुकी हैं।
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