उत्तराखंड में सबसे ज्यादा मामले देहरादून से आए हैं। यहां अब तक 51 पॉजिटिव केस आ चुके हैं जबकि प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 146 पहुंच गई है। ऐसे में देहरादून प्रशासन ने आगे की तैयारी करनी शुरू कर दी है, जिससे लक्षण मिलने पर लोगों को बड़ी संख्या में संस्थागत क्वारंटीन किया जा सके।
उत्तराखंड में बढ़ते जा रहे कोरोना के मामले को देखते हुए प्रशासन ने आगे की रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। हिल मेल के लाइव शो ‘ई-रैबार’ में शामिल हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ दिन पहले ही आशंका जताई थी कि करीब 2 लाख प्रदेश में आ सकते हैं और उनमे से 25 हजार लोगों को संक्रमण हो सकता है। इसके हिसाब से तैयारी भी की गई है। अब केस बढ़ने लगे हैं तो उत्तराखंड के जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गए हैं।
इस समय मुख्य फोकस लोगों को क्वारंटीन करने पर है क्योंकि कुछ लोग अब भी हालात को हल्के में ले रहे हैं और क्वारंटीन को जबरन बंदिश मान रहे हैं जबकि इसी में पूरे परिवार और आसपास के लोगों की भलाई है। अब देहरादून प्रशासन (corona in dehradun) ने प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटीन करने की दिशा में अहम फैसला लिया है।
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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने अधिकारियों की बैठक के बाद तय किया कि दून में सरकारी भवनों, होटल और धर्मशालाओं को भी क्वारंटीन सेंटर बनाया जाएगा। सभी उपजिलाधिकारियों को सेंटर बनाने के लिए भवनों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं और स्वास्थ्य परीक्षण में उनमें किसी भी तरह के लक्षण दिख रहे हैं या वे रेड जोन से आ रहे हैं तो उनके सैंपल लेकर संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा। संख्या बढ़ने के कारण अब ज्यादा संख्या में क्वारंटीन सेंटर की भी जरूरत होगी।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि क्वारंटीन सेंटर बनाए जाने वाली बिल्डिंग को पहले सैनिटाइज किया जाए और पर्याप्त सुरक्षा व चिकित्सा उपकरण मुहैया कराए जाएं। सभी सेंटर में व्यवस्था इस तरह की जाए कि सामाजिक दूरी के नियम का पालन होता रहे। इन सेंटरों में पेयजल, पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को भी कहा गया है।
DM देहरादून ने साफ निर्देश दिया है कि अगर कोई क्वारंटीन सेंटर में नियमों का उल्लंघन करता मिले, तो उसके खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने बताया कि इस समय दून में 20 संस्थागत क्वारंटीन सेंटर पहले से अस्तित्व में हैं। इनमें अभी करीब 2200 बेड की क्षमता है। अब इतने ही अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी सीमा पर जांच की जाए। इसके साथ-साथ संबंधित लोगों को संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रखा जाए।
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