लॉकडाउन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को उनके पास तक मदद पहुंचाने के लिए हंस फाउंडेशन ने ऑपरेशन नमस्ते शुरू किया है। उत्तराखंड के लोगों को ‘जहां हैं, वहीं रहें’ के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। लोगों को डिजिटल पेमेंट से मदद पहुंचाई जा रही है।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चल रहे 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान एक राज्य के लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं। कुछ प्रवासी कामगार तो कामकाज बंद होने से पैदल ही अपने गांवों की तरफ जा रहे हैं। सरकार उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। उत्तराखंड के कई प्रवासी भी इस संकट के समय देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। ऐसे माहौल में उत्तराखंडियों की मदद के लिए देश का सबसे बड़ा दानदाता संगठन हंस फाउंडेशन आगे आया है। माताश्री मंगला जी और भोले जी महाराज के निर्देशन में ‘द हंस फाउंडेशन’ ने कोरोना वायरस के चलते फंसे नागरिकों की सहायता के लिए ‘ऑपरेशन नमस्ते’ शुरू किया है।
उत्तराखंड के लोग देश के जिस भी राज्य में फंसे हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। हंस फाउंडेशन की कोशिश है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। उनके खाने-पीने के राशन की व्यवस्था फाउंडेशन द्वारा कराई जाएगी। इसके लिए बस आपको फाउंडेशन से संपर्क करने की जरूरत है। फाउंडेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि देशभर में जहां भी पहाड़ के लोग फंसे हैं, उन्हें मदद पहुंचाई जा रही है। खास बात यह है कि इस कवायद में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यानी राशन सामग्री या वित्तीय मदद के लिए उनके पास तक जाने की भी जरूरत नहीं है।
फाउंडेशन की ओर से बताया गया है कि पहाड़ के लोग जहां भी फंसे हैं, वे या तो अपने बैंक खाते में वित्तीय मदद प्राप्त कर सकते हैं, यदि उनके पास खाता नहीं है तो वे अपने पास की राशन की दुकान से दाल, चावल, आटा, तेल, मसाले जैसे जरूरी सामान को खरीद लें। फाउंडेशन की ओर से दुकानदार को भीम ऐप, फोनपे, पेटीएम या किसी अन्य ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भुगतान कर दिया जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए डिजिटल मदद
फाउंडेशन का उद्देश्य है कि लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए उत्तराखंडियों को ‘जो जहां हैं, वहीं रहें’ के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अगर लोग ऐसी जगह पर फंसे हैं, जहां से दुकानें दूर हैं या दुकानदार के पास ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था नहीं है तो प्रदेश के लोग अपने या किसी आस-पड़ोस के व्यक्ति के खाते में पैसे प्राप्त कर सकते हैं।
साक्ष्य नहीं बस भरोसे पर हो रही सेवा
खास बात यह है कि फाउंडेशन अपनी तरफ से दी जा रही मदद के लिए उत्तराखंडियों से किसी तरह का सबूत नहीं माग रहा है। बस उन्हें सामान प्राप्त करने के बाद एक फोटो अपने पास रखनी है। हंस फाउंडेशन बस जरूरतमंदों की मदद करना चाहता है। उसका प्रयास है कि लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने से रोककर कोरोना फैलने के खतरे को कम किया जाए।
इस अभियान के माध्यम से देश में गरीब और निर्धन लोगों को उनके घरों तक सोशल नेटवर्किंग के जरिये खाद्य आपूर्ति की जा रही है। ऑपरेशन नमस्ते अभियान के बारे में हंस फाउंडेशन की प्रेरणास्रोत समाजसेवी माताश्री मंगला जी ने अपने संदेश में कहा है कि हम सभी से निवेदन करते हैं कि आप सब इस संकट के समय जहां है वहीं रहकर अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें। साथ ही लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और अपने घर से बाहर न निकलें।
माताश्री मंगला एवं भोले जी महाराज ने अपने संदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवेदन को मानिए। लॉकडाउन के दौरान आप सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाएं लेकिन इमोशनल डिस्टेंस घटाएं। संकट के इस समय में हंस फाउंडेशन देश के साथ खड़ा हैं। हम डिजिटल इंडिया के जरिये और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए जरूरतमंद लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। मुंबई, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे उत्तराखंडियों एवं अन्य लोगों की मदद कर रहे हैं।
मुंबई के होटलों में कामगारों तक भी मदद
मुंबई कौथिग फाउंडेशन के माध्यम से हंस फाउंडेशन मुंबई में होटलों में काम करने वाले उत्तराखंड के लोगों और परिवारों को मदद पहुंचा रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली के विभिन्न स्थानों में जरूरतमंद लोगों को सहयोग प्रदान किया जा रहा है। हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में चलाए जा रहे आपरेशन नमस्ते के जरिए जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई जा रही है। उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में बसे गांव तक हंस फाउंडेशन की टीमों द्वारा डिजिटल माध्यम से निरंतर मदद पहुंचाई जा रही है।
इसी के साथ हंस फाउंडेशन कोरोना वायरस से निपटने के लिए उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका रहा है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में सतपुली में स्थित ‘हंस फाउंडेशन जनरल अस्पताल’ के साथ-साथ हंस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित- उत्तराखंड के 6 अस्पतालों में कोरोना वायरस से लड़ने की व्यवस्था की जा रही है।
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कोरोना लॉकडाउनः घर से ही कीजिए मॉर्डन ऑर्ट गैलरी की वर्चुअल सैर... - Hill-Mail | हिल-मेल
5 years ago[…] […]
REPLYकोरोना लॉकडाउन के बीच बड़ा फैसला, निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में ओपीडी खुलेगी - Hill-Mail | हिल-मेल
5 years ago[…] […]
REPLYJagmohan nautiyal
5 years agoआपको सादर प्रणाम आपके द्वारा किए जा रहे समाज में असहाय एवं असमर्थ लोगों के लिए जो सहायता एवं सहयोग करने का बहुत ही सुंदर प्रयास है जो कि आज इस परिस्थिति में जहां की किसी के पास आना जाना नहीं कर सकता है बहुत ही उत्तम तरीका है आपको हृदय से आभार एवं धन्यवाद
REPLYउत्तराखंड में बढ़ा कोरोना का खतरा, 280 तबलीगी जमाती 'लापता' - Hill-Mail | हिल-मेल
5 years ago[…] […]
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