महाकुंभ के इतिहास में पहली बार हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर 151 आचार्यों की ओर से किये गए शंखनाद से चहुं दिशाएं गूंज उठी।
श्री गंगा सभा की ओर से महाकुंभ 2021 के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आयोजित महापूजन में धार्मिक आस्था का माहौल रहा। ब्रह्मकुंड पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ ही श्रीगंगा सभा के पदाधिकारी, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी अलग-अलग अपने अपने स्थान पर कलश, शंख, घंटी एवं पूजन सामग्री के साथ बैठकर मां गंगा का ध्यान कर रहे थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्रपूरी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, नगर विकास मंत्री वंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी मेला संजय गुंज्याल, डीएम सी. रविशंकर, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस, एसएसपी कुंभ जन्मजेय खंडूरी सहित अन्य अधिकारियों ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर श्रीगंगा सभा की ओर से आयोजित मां गंगा के पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री ने मंत्रोउच्चारण के साथ मुख्यमंत्री से मां गंगा की पूजा-अर्चना ओर आरती कराई।
इसके साथ ही 151 आचार्यों ने मंत्रों का जाप किया तो साक्षात् देवों के आगमन जैसा माहौल निर्मित हुआ। मंत्रोउच्चारण के बाद मां गंगा का पूजन, नैवेद्य अर्पण के साथ महाकुंभ 2021 के सफल आयोजन की कामना की गई।
इसके बाद आरती के बाद 151 आचार्यो ने जब शंखनाद किया तो पूरा हरकी पैड़ी परिसर इस ध्वनि से गूंज उठा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां गंगा से कुम्भ के सफल आयोजन और सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा कार्यालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल का श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणी, उज्ज्वल पंडित सहित अन्य पदाधिकारियों ने गंगाजलि, चुनरी व प्रसाद भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने हर की पैड़ी हरिद्वार में श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित गंगा महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। महापूजन का आयोजन कुंभ मेले के सफल आयोजन के उद्देश्य से किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य के साथ ही सुरक्षित कुंभ का आयोजन करने के लिए सरकार संकल्पित है।
हरिद्वार के तीन संस्कृत महाविद्यालयों से आए 151 आचार्यों ने महापूजन के दौरान चारों ओर से मंत्रोच्चारण और शंखनाद किया।
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