गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम के लिए खतरा बनी भारी बारिश

गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम के लिए खतरा बनी भारी बारिश

पहाड़ों में जहां बारिश से सड़कों को भारी नुकसान हुआ है, वहीं मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से या तो जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है या नदियों ने कटाव शुरू कर दिया है। गौला बैराज में लगातार पानी बढ़ने के चलते सिंचाई विभाग द्वारा पानी को डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिसके चलते गौला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गौला नदी के जलस्तर बढ़ने से गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम को खतरा पैदा हो गया है।

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बरसात के चलते कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते नदी और नाले उफान पर हैं। गौला बैराज में लगातार पानी बढ़ने के चलते सिंचाई विभाग द्वारा पानी को डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिसके चलते गौला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गौला नदी के जलस्तर बढ़ने से गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम को खतरा पैदा हो गया है। नदी का रुख स्टेडियम की तरफ होने से लगातार भूकटाव शुरू हो गया है। नदी से स्टेडियम की खतरा होने की सूचना मिलते ही मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों सहित मौके का निरीक्षण किया।

सिटी मजिस्ट्रेट ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के गौला नदी किनारे पश्चिमी छोर का निरीक्षण करते हुए लगातार गौला नदी के जलस्तर से हो रहे भू कटाव को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया इस दौरान बताया कि खेल विभाग के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है। साथ ही जलस्तर कम होने के बाद नुकसान वाले हिस्से में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। खेल विभाग के अधिकारियों को लगातार मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि नदी का कटाव लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की ओर बढ़ रहा है। नदी कभी भी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को अपने चपेट में ले सकती है। जिसको देखते हुए स्टेडियम के आसपास किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।

इसके अलावा जिला प्रशासन की टीम लगातार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की निगरानी में जुटी हुई है। कुमाऊं मंडल के जबरदस्त बारिश रिकार्ड की गई। पहाड़ों में जहां बारिश से सड़कों को भारी नुकसान हुआ है, वहीं मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से या तो जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है या नदियों ने कटाव शुरू कर दिया है। प्रदेश की सबसे बड़ी खनन नदी गौला वैसे तो आम दिनों में सूखी रहती है, लेकिन बरसात में इसका रौद्र रूप देखने को मिलता है और ऐसा ही रौद्र रूप शनिवार से सोमवार के बीच हुई बारिश में भी देखने को मिला।

गौला बैराज से इन तीन दिनों में तकरीबन डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। काठगोदाम बैराज से छोड़े गए इस पानी के कारण जहां काठगोदाम से लगे क्षेत्र में बने हनुमानगढ़ी मंदिर पर खतरा पैदा हो गया है, वहीं हल्द्वानी रेलवे स्टेशन और गौलापार इलाके में बने इंटरनेशनल स्टेडियम को भी खतरा पैदा हो गया है। गौला नदी ने अपना रुख मोड़ते हुए एक तरफ जहां इंटरनेशनल स्टेडियम की तरफ कटान शुरू कर दिया है तो दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन भी खतरे की जड़ में आ चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में होने वाली बारिश हल्द्वानी के लिए बड़ा संकट पैदा कर सकती है।

इंटरनेशनल स्टेडियम और रेलवे स्टेशन को बचाने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गोला नदी का रुख मोड़ने का फैसला लिया है। यानी नदी में पोकलैंड और अन्य तरह की मशीनें उतारकर इसका चैनेलाइजेशन किया जाएगा। साथ ही वायर क्रेट और कुछ अन्य तरह की सेफ्टी मेजर्स लेते हुए स्टेडियम और रेलवे स्टेशन को बचाने का प्रयास होगा, क्योंकि नदी के बीचों-बीच काफी ज्यादा सिल्ट जमा हो चुकी है इसलिए जेसीबी और पोकलैंड मशीनों के जरिए इसे हटाया जाएगा और गौला के लिए बीच से रास्ता तैयार किया जाएगा।

गौला नदी ने रेलवे स्टेशन के बाद अब दूसरे किनारे पर बने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम पर जमीन दरकाना शुरू कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का 30 मीटर हिस्सा दरक गया है, यह भूकटाव लगातार जारी है। ऐसे में 1.73 अरब की लगात से बने स्टेडियम का अस्तित्व पर संकट छा गया है। सीएम ने गौला नदी से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में हुए भू कटाव का निरीक्षण किया इस मौके पर उन्होने कहा कि गौला नदी में तेजी से बहाव होने के कारण कटाव हुआ है। फौरी राहत के तौर पर सिंचाई विभाग को गौला नदी के 500 मीटर भाग में चौनलाइजेशन, वायर क्रेट और सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। कहा कि इसके लिए शीघ्र ही धनराशि भी जारी कर दी जाएगी जिससे ससमय तत्कालिक कार्यों के माध्यम से स्टेडियम का बचाव किया जा सके।

डीएम ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा दीर्घालिक कार्यों कि पूर्व में 200 मीटर के भू कटाव से रोकथाम की 260 लाख लागत की डीपीआर शासन को भेजी गई है जो की स्वीकृति के चरण पर है। विभाग द्वारा टेंडर भी कर लिया गया है। किंतु इसी बीच अब लगभग कुल 600 मीटर का भू कटाव हो गया। अतिरिक्त 400 मीटर भाग की डीपीआर शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए और डीपीआर का फॉलो अप लेने के लिए डीएम को निर्देशित किया। सीएम ने राज्य में हो रहे निर्माण कार्यों में ड्रेनेज प्लान/ निकासी योजना पर जोर देते हुए कहा कि सभी निर्माणदाई संस्था सुनिश्चित करें कि सुनियोजित विकास के नाम पर हो रहे निर्माण से किसी अन्य भौगोलिक, प्राकृतिक संरचना को कोई खतरा न हो, इसके लिए निकासी योजना को प्राथमिकता देते हुए योजना इंप्लीमेंट की जाए।

सीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी आपदा को रोका नहीं जा सकता किंतु इसके होने वाले प्रभावों को न्यून करना हम सबका दायित्व है। इसके लिए सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में निगरानी बनाएं रखे और निरंतर मॉनिटरिंग करें। किसी भी क्षेत्र से सूचना प्राप्त होते ही तत्काल टीम को भेजकर यथासंभव राहत बचाव कार्य शुरू करे। इस प्रकार का मेकेनिज्म हो कि प्रभावितों को मौके पर ही राहत सामग्री और राशि दी जाए। आवश्यकता पड़ने पर राहत शिविरों को संचालन हो इसके लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया जाए। हमारा प्रयास रहेगा की यथा शीघ्र आम जन के जीवन को सामान्य किया जाए। सीएम ने कहा कि गौलापार स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल का आयोजन और समापन किया जाना है। यह राज्य के लिए स्वर्णिम अवसर भी है। इससे यहां की खेल प्रतिभाओं को पहचान के साथ ही एक्सपोजर भी मिलेगा।

(इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं और वह दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।)

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this