मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपदा कंट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही बारिश की जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय राजमर्गों और अन्य संपर्क मार्गों की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी पौड़ी एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से मुख्यमंत्री ने फोन पर ताजा अपडेट लिया।
उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान पहुंचा है। पौड़ी जिले के लैंसडौन तहसील में एक मकान की छत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हैं। वहीं, कुमाऊं में बारिश के चलते दो लोगों की मौत हुई है। लैंसडौन तहसील में गुमखाल और जयहरीखाल के बीच स्थित समखाल में अचानक एक टेंट पर पहाड़ का मलबा गिरने से मां-बेटी समेत तीन की मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। उधर, चंपावत में मूसलाधार बारिश ने दो जिंदगियां लील ली। नगर से चार किलोमीटर दूर सेलाखोला के रोपा में मकान में घुसे मलबे में दबने से मां-बेटे की मौत हो गई। दरवाजा तोड़कर मलबे से शव निकालने में राहत टीम को तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी।
लगातार बारिश से पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं। राज्य में घूमने आए सैलानी कई जगह फंसे हुए हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन इन सभी को सुरक्षित जगह ले जाने की व्यवस्था कर रहा है।
नैनीताल में झीन ओवरफ्लो, सड़क संपर्क भी कटा
#Video | #Uttarakhand | पिछले दो दिन से हो रही लगातार बारिश के चलते नैनीताल झील का पानी ओवरफ्लो। माल रोड पर बह रहा पानी। video via – facebook pic.twitter.com/dAW1EHpwpl
— Hill Mail (@hillmailtv) October 18, 2021
उधर, नैनीताल में अक्टूबर महीने में हुई बारिश ने अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। लगातार बारिश के चलते नैनी झील ओवर फ्लो हो गई है। झील के उफनाने के बाद उसके दोनों निकासी गेट खोलने पड़े। इसके बावजूद देर रात तक माल रोड और नैना देवी मंदिर परिसर में झील का पानी जमा रहा। नैनीताल में रविवार से सोमवार शाम तक 150 मिमी से ज्यादा वर्षा हो चुकी है। बारिश के चलते सोमवार सुबह भवाली-हल्द्वानी हाइवे में वीरभट्टी के समीप मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया। जिससे पुलिस ने भवाली, अल्मोड़ा जाने वाले वाहनों को नैनीताल की ओर डायवर्ट कर दिया था। दोपहर बाद दो जेसीबी मशीन भी वीरभट्टी में राहत कार्य मे लगा दी थी। मगर बारिश के कारण मलबा हटा कर मार्ग पर यातायात सुचारू नहीं हो पाया। वहीं, देर शाम नैनीताल हल्द्वानी मार्ग में भी मलबा और पेड़ आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। किसी तरह वाहन भवाली- नैनीताल और कालाढूंगी मार्ग से आवाजाही कर रहे थे। मगर देर शाम कालाढूंगी मार्ग में बरापत्थर के समीप मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। नैनीताल- भवाली मार्ग भी पाइंस और जोखिया के समीप बंद हो गया है। इससे नैनीताल का देश और दुनिया से संपर्क कट गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार ले रहे अपडेट
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा का लगातार जायजा ले रहा हूँ। संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक जिले में बारिश एवं आवागमन की स्थिति पर हर घंटे की रिपोर्ट देने एवं प्रशासन को यात्रियों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। pic.twitter.com/rN9om4u87U
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) October 18, 2021
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपदा कंट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा की जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय राजमर्गों और अन्य संपर्क मार्गों की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी पौड़ी एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से मुख्यमंत्री ने फोन पर ताजा अपडेट लिया। डीएम पौड़ी ने बताया कि लैंसडौन तहसील में मलबे में दबने से तीन की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गये थे। घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने जानकारी दी कि केदारनाथ में कल तक छह हजार श्रद्धालु थे। इसमें से चार हजार वापस आ गए हैं। शेष दो हजार सुरक्षित स्थानों पर है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि बारिश के कारण यदि कोई राजमार्ग बाधित होता है, तो उनमें आवगमन जल्द सुचारू करने के लिए पूरी व्यवस्था हो। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए। मुख्यमंत्री सोमवार सुबह से सभी जिलाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं।
उधर, केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री धामी को फोन कर राज्य में भारी वर्षा से बचाव व राहत कार्यों की तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही भरोसा दिलाया कि केंद्र से उत्तराखंड को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी।
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