हरिद्वार महाकुंभ के दौरान माहौल भक्ति में सराबोर है। हिमालयन योगी महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद जी की उपस्थिति में धर्म ध्वजा की स्थापना की गई। इस धार्मिक आयोजन में प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। 25 अप्रैल को देव डोलियों के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति में महाकुंभ-2021 में देव डोलियों के हरिद्वार स्नान आगमन से पूर्व शुक्रवार को प्रेमनगर आश्रम में बदरीनाथ एवं वीर हनुमान की पवित्र धर्मध्वजा की स्थापना की गई। शोभायात्रा समिति द्वारा आगामी 25 अप्रैल को समस्त जनपदों की झांकियों, देव डोलियों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। 24 अप्रैल को सभी देव-डोलियां ऋषिकेश में एकत्र होंगीं और नगर भ्रमण, रात्रि प्रवास के बाद 25 अप्रैल को हरिद्वार स्नान को आएंगी। इस धार्मिक आयोजन में प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज और हिमालयन पीठाधीश्वर हिमालयन योगी महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद उपस्थित थे।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना काल में श्रद्धालु चार धाम यात्रा नहीं कर पाए, वह अपने देवी-देवताओं के दर्शन से भी वंचित रहे। शुभ समाचार यह है कि हमें अब हरिद्वार में ही 25 अप्रैल को कुंभ स्नान में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आई भव्य देव डोलियों के स्वागत और दर्शन का लाभ प्राप्त होगा। इस आयोजन के माध्यम से सरकार उत्तराखंड की देव संस्कृति को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि महाराज ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि देव डोलियों का कुंभ के आयोजन पर स्नान एक दुर्लभ अवसर है इसका सभी को लाभ उठाना चाहिए।
सतपाल महाराज ने आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी की प्रशंसा करते हुए कहा कि देव डोलियों के आगमन से पूर्व धर्म ध्वजा स्थापना के लिए उन्होने बड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास होगा कि वह इस आयोजन को उसी प्रकार से करें जिस प्रकार से हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरे के आयोजन पर रघुनाथ जी के दर्शन करने के लिए सभी देवी-देवता उपस्थित होते हैं।
सतपाल महाराज ने कहा कि कुंभ में देव डोलियों के स्नान कार्यक्रम का प्रसारण सैटेलाइट के जरिए होना चाहिए जिससे संतों का राष्ट्रहित एवं विश्व कल्याण का संदेश दुनिया में पहुंच सके। इस अवसर पर हरि चेतनानंद महाराज ने सतपाल महाराज और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को साधुवाद देते हुए कहा कि कुंभ के आयोजन पर लगी पाबंदियों को हटाकर कैबिनेट ने धर्म के हित में निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से संत महात्मा काफी खुश हैं। हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि ऐसे ही निर्णय लेने चाहिए। अगर धर्म के लिए हम निर्णय नहीं लेंगे तो फिर कौन निर्णय लेगा?
आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी ने कहा कि कुंभ में उत्तराखंड की देव-डोलियों के सामूहिक स्नान का कार्यक्रम वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। उत्तराखंड की देव संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह कार्यक्रम दिव्यता और भव्यता प्राप्त कर रहा है। अपनी लोक संस्कृति विरासत का संरक्षण और संवर्धन प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। यह कार्यक्रम कोई प्रदर्शन नहीं है बल्कि यह संस्कृति के प्रचार-प्रसार और संरक्षण का ही एक माध्यम है।
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