सीएम योगी ने राज्य के सभी श्रमिकों को दुर्घटना में उनके परिवार के सदस्यों को 2 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा देने का निर्णय लिया है। प्रत्येक श्रमिक को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कवर देने का निर्णय भी लिया गया है। कोरोना को काबू में करने के साथ ही जनता को राहत पहुंचाने के लिए सीएम योगी के प्लान पर विशेष रिपोर्ट।
कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार भले ही मंद पड़ गई हो, पर तीसरी लहर की आशंका से हर कोई खौफजदा है। केंद्र ही नहीं, राज्य सरकारों ने उस हिसाब से आगे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने तीसरी लहर से निपटने के लिए विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय टीम गठित कर दी है। टीम-11 का पुनर्गठन करते हुए टीम-9 बनाई गई है।
सीएम का निर्देश है कि अफसर संवेदनशीलता और तत्परता के साथ लोगों की जान बचाने के लिए काम करें और जनता तक मदद पहुंचाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम योगी के कार्य की प्रशंसा की है। आज योगी के जन्मदिन पर आइए समझते हैं कि आखिर देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना को कैसे कुछ हद तक काबू में कर लिया और आगे की क्या तैयारी है।
सबसे पहले बात कोरोना की दूसरी लहर की
आज कोरोना से निपटने के योगी के तौर-तरीकों की बात यूपी मॉडल के तौर पर हो रही है। कोरोना के मामले जब तेजी से बढ़ने लगे, शहरों से लोग भागकर गांवों में आने लगे। महाराष्ट्र और दिल्ली से कामगारों का भी पलायन हुआ तो खतरा गांवों में बढ़ गया। ऐसे में सीएम योगी ने यूपी के देहाती इलाकों में घर-घर सर्वे शुरू कराया। आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और दूसरी स्वास्थ्य टीमों की मदद से ट्रैकिंग और ट्रेसिंग का काम शुरू हुआ, जिससे संभावित कोरोना मरीज को क्वारंटीन किया जा सके और उसका इलाज शुरू हो सके। दरअसल, सरकार का पूरा फोकस कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना था क्योंकि केस बेतहाशा होने पर संसाधन स्वाभाविक रूप से कम होने लगते हैं।
एक समय कुछ ऐसा ही हुआ। यूपी के कई जिलों से ऑक्सीजन संकट की खबरें आने लगीं। आरोप लगे कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो गई। ऐसे में सीएम ने रेलवे की मदद से ऑक्सीजन सिलेंडर लखनऊ मंगवाए। स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन निर्माण और आपूर्ति की व्यवस्था चाक-चौबंद की गई। जल्दी ही ऑक्सीजन की कमी पूरी हो गई।
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एक तरफ ये सब चल रहा था तो दूसरी तरफ यूपी में कोरोना टेस्ट युद्ध स्तर पर जारी थे। लगातार टेस्ट बढ़ते गए। एक दिन में 2-3 लाख टेस्ट होने लगे। अब यह 4 लाख के करीब पहुंच गए हैं। इस लिहाज से देखें तो योगी सरकार ने तीन सूत्रीय फॉर्मूले पर काम किया। कोविड के लक्षण की जांच के लिए टेस्टिंग, लक्षण मिलने पर आइसोलेशन और अस्पताल पहुंचे मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया गया। यही वजह है कि गांवों में कोरोना तो फैला पर संक्रमण बढ़ने नहीं दिया गया।
जिन जिलों में केस बढ़ रहे थे, संक्रमण दर ज्यादा थी वहां लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाई गईं। अब अनलॉक की प्रक्रिया भी बहुत सोच-विचार कर शुरू की जा रही है क्योंकि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
अब बात तीसरी लहर की तैयारी की
जानकारों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। ऐसे में ब्लॉक स्तर से लेकर जिले तक बच्चों के अस्पताल बनाने पर काम चल रहा है। एक्सपर्ट कमेटी बन गई है। ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं, जिससे ऑक्सीजन की कोई कमी न हो। इसके साथ ही बेरोजगारी और भुखमरी से लोगों को बचाने के लिए गरीबों को फ्री में राशन दिया जा रहा है। उधर, दूसरी लहर में प्रभावित सरकारी कर्मचारियों, स्वास्थ्य कर्मियों और पत्रकारों के लिए मदद का ऐलान किया गया है।
आज ही श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और बीमे को लेकर बड़ी घोषणा की गई है।
टीम-9 में शामिल चिकित्सा शिक्षा मंत्री की टीम द्वारा कोविड बेड्स, मानव संसाधन की उपलब्धता, प्रशिक्षण और टीकाकरण से जुड़े कार्य कराए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री की टीम मेडिकल किट, टेस्टिंग और स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी से जुड़े कार्यों के प्रति जवाबदेह होगी। यानी कोरोना के खिलाफ जंग में काफी आगे हैं सीएम योगी।
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DrB Prasad
June 11, 2021, 1:20 pmA selfless leader meeting the need of the hour.
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