भारतीय महिला क्रिकेट टीम का जब भी जिक्र होता है तो स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा, हरमनप्रीत कौर, मिताली राज जैसे खिलाड़ियों का स्टारडम अन्य खिलाड़ियों पर भारी पड़ जाता है। लेकिन टीम इंडिया में उत्तराखंड की बेटी स्नेहा राणा ने भी अपना अलग मुकाम बना लिया है। महिला क्रिकेट का उत्तराखंड की यह ऑलराउंडर अब जरूरी हिस्सा बन चुकी है।
देहरादून से निकलकर अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपने हुनर का डंका बजाने वालों में उत्तराखंड की बेटी स्नेहा राणा का नाम भी शामिल है। स्नेहा राणा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर हैं। वह दाहिने हाथ की स्पिन गेंदबाज और आक्रामक बल्लेबाज हैं। वह महिला विश्व कप में भारत की ओर से दमदार प्रदर्शन करने के बाद देहरादून लौटी हैं।
स्नेह राणा देहरादून जिले के सिनौला गांव की रहने वाली हैं। 18 फरवरी 1994 को देहरादून में जन्मीं स्नेहा एक किसान परिवार से आती हैं। क्रिकेट के लिए स्नेहा के अंदर बचपन से जुनून था। वह गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं। उनकी उम्र महज नौ साल रही होगी, जब उनके खेल से प्रभावित होकर देहरादून के लिटिल मास्टर्स क्रिकेट एकेडमी के कोच नरेंद्र शाह और किरण शाह उन्हें अपने क्लब में ले आए। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थई। स्नेहा पिता की पुरानी साइकल से रोज 12 किमी दूर क्लब जातीं और क्रिकेट सीखतीं, लेकिन तब उत्तराखंड में मौके नहीं थे। जब स्नेहा 16 साल की थीं, पिता भगवानसिंह राणा ने सारी खेती बेच दी और हरियाणा शिफ्ट हो गए। पिता को बेटी की काबिलियत पर भरोसा था। हरियाणा से जब ज्यादा मौके नहीं मिले तो परिवार अमृतसर पहुंच गया। स्नेहा ने पंजाब से खेलना शुरू किया और उनका कॅरिअर आगे बढ़ता चला गया। पंजाब की अंडर-19 टीम की कप्तान बनीं।
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स्नेहा राणा ने अपने वनडे डेब्यू 18 जनवरी 2014 को विशाखापट्टनम में श्रीलंका के खिलाफ किया था। होबार्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 फरवरी, 2016 को वनडे और 23 फरवरी 2016 को श्रीलंका के खिलाफ रांची में टी20 मैच खेलने के बाद स्नेहा को चोट के बुरे दौर से गुजरना पड़ा। 2016 में एक मैच के दौरान स्नेहा राणा के घुटने में चोट लग गई थी। इसके बाद उन्हें घुटने का ऑपरेशन कराना पड़ा था। हालांकि स्नेहा ने हिम्मत नहीं हारी और टीम में वापसी के लिए कड़ी मेहनत की। स्नेहा राणा ने घुटने की चोट से उबरने के बाद घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर चयनकर्ताओं को उन्हें टीम में वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। उसके बाद से उत्तराखंड की यह बेटी अपने हुनर का डंका पूरी दुनिया में बजा रही है।
शानदार स्नेह 👏
मसूरी रोड की शर्मीली बच्ची से भारतीय महिला टीम 🇮🇳 की स्टार ऑलराउंडर @SnehRana15 बनने की कहानी 🏏#WWC pic.twitter.com/lFj6ziCG6z
— ESPNcricinfo हिंदी (@CricinfoHindi) March 19, 2022
स्नेहा राणा ने इंग्लैंड के खिलाफ साल 2021 में अपने टेस्ट मैच करियर का धमाकेदार आगाज किया। ब्रिस्टल टेस्ट मैच में स्नेह राणा ने आठवें नंबर पर 80 रन की नाबाद पारी खेल इंग्लैंड के सीरीज जीतने के मंसूबों पर पानी फेर दिया। स्नेह राणा ने इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए चार विकेट भी झटके थे। वह डेब्यू टेस्ट मैच में चार विकेट लेने और अर्धशतक लगाने वाली दुनिया की चौथी और भारत की पहली खिलाड़ी बनीं। खास बात यह थी कि किसी भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने भी यह कारनामा नहीं किया है।
पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेलने वाली टीम की घोषणा से कुछ समय पहले स्नेहा राणा के पिता का दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया था। उनके पिता उन्हें एक बार फिर भारतीय टीम से खेलते देखना चाहते थे। जब स्नेहा की भारतीय टीम में वापसी हुई तो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर पिता के लिए एक भावुक पोस्ट लिखा। ‘काश आप यह देखने के लिए होते, इस लम्हे को जीने के लिए होते। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए भावुक पल है। पांच साल बाद एक बार फिर मैं ये जर्सी पहन रही हूं। मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। पापा अपनी दुआएं बरसाते रहना। मैं जानती हूं कि आप हमेशा यहीं हो। मैं आपको बहुत मिस करती हूं।’ स्नेहा ने भारत के लिए अभी तक 20 वनडे और नौ टी20 मैच खेले हैं।
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