मौजूदा मिसाइलों के मुकाबले यह मिसाइल हल्की और इस्तेमाल में आसान है। डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार, लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अंतिम चरण में यह हाइपरसोनिक स्पीड हासिल कर लेती है।
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ने परमाणु क्षमता से लैस शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करती है। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआडीओ) ने इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के बालासोर में किया।
सूत्रों के मुताबिक इस मिसाइल के जरिए 800 किमी दूर स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। शौर्य मिसाइल के आने से मौजूदा मिसाइल सिस्टम को मजबूती मिलेगी। मौजूदा मिसाइलों के मुकाबले यह मिसाइल हल्की और इस्तेमाल में आसान है। सूत्रों ने यह भी बताया कि लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अंतिम चरण में यह हाइपरसोनिक स्पीड हासिल कर लेती है।
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि भारत परमाणु तकनीक के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए प्रतिबद्ध है और परमाणु क्षमता से लैस देशों के बीच भरोसा स्थापित करने के लिए रचनात्मक संवाद कर रहा है। भारत ने परमाणु हथियार संपन्न देशों के विरुद्ध इनके ‘पहले इस्तेमाल न करने’ की नीति को दोहराया और जिन देशों के पास परमाणु हथियार नहीं है, उन पर इनका इस्तेमाल न करने की बात कही है।
India reaffirmed its commitment to the peaceful use of nuclear technology & engaging in constructive dialogue among nuclear states to build trust. India also highlighted its policy of 'No First Use' against nuclear weapon states & of non-use against non-nuclear-weapon states: MEA
— ANI (@ANI) October 3, 2020
इससे पहले भारत ने बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, जिससे 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक का लक्ष्य भेदा जा सकता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के बालासोर में जमीन से पीजे-10 प्रोजेक्ट के तहत मिसाइल का परीक्षण किया और मिसाइल को स्वदेशी बूस्टर के साथ लॉन्च किया गया था। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के उन्नत वर्जन का दूसरा सफल परीक्षण था, जो स्वदेश में विकसित एअरफ्रेम और बूस्टर से लैस था।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *