रियलिटी शो इंडियन आइडल सीजन 12 के विजेता पवनदीप राजन ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि पवनदीप राजन ने सामान्य स्थितियों से उठकर अपनी प्रतिभा से देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम
रियलिटी शो इंडियन आइडल सीजन 12 के विजेता पवनदीप राजन ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि पवनदीप राजन ने सामान्य स्थितियों से उठकर अपनी प्रतिभा से देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। सीएम धामी ने पवनदीप राजन को कला, पर्यटन और संस्कृति में उत्तराखंड का ब्रेंड एंबेसडर बनाया।
उत्तराखंड के पवनदीप राजन ने 15 अगस्त को हुए ग्रेंड फिनाले में इंडियन आइडल का खिताब अपने नाम किया। पवनदीप को ‘इंडियन आइडल 12’ की ट्रॉफी के साथ ही एक कार और 25 लाख रुपये भी मिले हैं। यह पवनदीप का दूसरा रियलिटी शो खिताब है। इससे पहले वह ‘द वॉयस इंडिया’ के विजेता भी रह चुके हैं।
ऐसा पहली बार हुआ जब इंडियन आइडल के मंच पर किसी सिंगर ने अपनी आवाज से ऐसा तिस्लिम बुन दिया, जिससे कोई बाहर नहीं निकल पाया। पवनदीप हफ्ते दर हफ्ते धमाकेदार परफॉर्मेंस के दम पर लोकप्रिय होते गए और पूरे भारत से जबरदस्त समर्थन हासिल कर इंडियन आइडल सीजन 12 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इस बार यह शो जबरदस्त टैलेंट की बदौलत चर्चा में रहा और छह लोग फाइनल तक पहुंचे। हालांकि पवनदीप राजन न सिर्फ अपनी रूहानी आवाज बल्कि कई साजों को बजाने के खास हुनर के चलते देश भर का दिल जीत लिया।
कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी चंपावत जिले के पवनदीप राजन की है। उनकी प्रतिभा ढाई साल की उस उम्र में ही दिख गई थी, जिसमें अधिकतर बच्चे बोलना सीख रहे होते हैं, लेकिन पवनदीप ने तबले पर थाप देना सीख लिया था। सिंगिग रियलिटी शो ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ के पहले सीजन के विजेता पवनदीप राजन की दिलकश आवाज ने सबसे पॉपुलर सिंगिग रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ के मंच से करोड़ों लोगों के दिल में जगह बना ली।
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के कई युवाओं ने अपने हुनर से सभी रियलिटी शो के मंचों पर धाक जमाई है। हालांकि पवनदीप राजन ने अपनी आवाज से जो आकर्षण पैदा किया है, उससे हर कोई उत्तराखंड की ओर खिंचा चला आया। इस शो में बतौर गेस्ट आने वाले सभी बड़े सितारे पवनदीप के फैन दिखे, उनसे खास गानों की फरमाइश की जाती रही। पवनदीप को सुनकर रेखा और पूनम ढिल्लों जैसी अभिनेत्रियां ने कहा कि उनकी आवाज उत्तराखंड की वादियों में खींच ले जाती है।
लोकगायक सुरेश राजन के बेटे पवनदीप का जन्म 27 जुलाई 1996 चंपावत जिले में हुआ था। पवनदीप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चंपावत से पूरी की। बचपन से ही उनके घर गीत-संगीत का माहौल था। पवन को गिटार, कीबोर्ड, तबला, पियानो के साथ ही ढोलक जैसे वाद्ययंत्र बजाना पसंद है। पवन आकाशवाणी अल्मोड़ा से तबला वादन का कार्यक्रम भी प्रस्तुत कर चुके हैं। 2000 में नैनीताल में कुमाऊं महोत्सव हुआ तो उनके तबला वादन को देखकर राज्यपाल ने 11 हजार रुपये का इनाम दिया था।
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