उत्तराखंड में कोरोना के मामले 1000 के पार हो गए हैं। बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों और आसपास के जिलों से आने वालों को क्वारंटीन किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि कोरोना को फैलने से रोका जाए जिससे यह गांवों में न फैल सके। क्वारंटीन सेंटर पर केंद्रित है यह प्रेरक स्टोरी….
इस कोरोना काल में देश के कोने-कोने और उत्तराखंड के भीतर से ही आ रहे लोगों को अपने गांव में क्वारंटीन किया जा रहा है। कुछ तो सामान्य रूटीन में ही समय काट दे रहे हैं लेकिन कुछ कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने चारदीवारी में बंद रहते हुए भी खुद को व्यस्त रखा और जाते समय कुछ ऐसा करके गए कि लोग याद कर रहे हैं। जी हां, उत्तरकाशी के आर्टिस्ट बद्री सिंह गुसाईं उनमें से एक हैं।
लक्ष्मणझूला, ऋषिकेश में बद्री सिंह का कैफे है, जिसे उन्होंने आकर्षक बनाने की सोची और धीरे-धीरे उन्होंने दीवार पर कलाकारी करना सीख लिया। कोरोना फैला और आने-जाने की छूट मिली तो वह भी उत्तरकाशी में अपने गांव लौटे। यहां उन्हें अठाली गांव में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन (quarantine centre) कर दिया गया।
पहला दिन तो उन्होंने जैसे-तैसे काटा पर दूसरे दिन उन्होंने ठान लिया कि उन्हें कुछ ऐसा करना है कि जब वह स्कूल से जाएं तो एक यादगार बन जाए। बद्री ने इसी स्कूल से पढ़ाई भी थी तो उनका अपने स्कूल से विशेष लगाव था।
फिर क्या था उन्होंने रंगों की व्यवस्था की और जुट गए दीवारों को खूबसूरत बनाने में। उन्होंने देखा कि स्कूल में अलग-अलग सेक्शन, पुष्प वाटिका आदि दीवार पर लिखा गया था। उन्होंने इसे आकर्षक बनाने के लिए चित्रकारी बनानी शुरू कर दी। उन्होंने देश के कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महान विभूतियों के चित्र बनाए।
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अब वह 14 दिन क्वारंटीन में रहकर अपने घर लौट चुके हैं लेकिन विद्यालय के आसपास और उनके गांव के लोग भी बद्री के इस काम की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। हिल मेल से बातचीत में बद्री ने बताया कि उन्हें लगा कि बैठे-बैठे बोर हो जाएंगे, ऐसे में रंगों का प्रबंध किया और फिर दीवारों को सजाना शुरू कर दिया। जहां भी दीवारों पर महान विभूतियों का नाम लिखा था, बद्री ने तस्वीर उकेर दी।
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उत्तराखंड में कोरोना एक हजारी, पर ये 7000 का आंकड़ा दे रहा बड़ी टेंशन - Hill-Mail | हिल-मेल
June 4, 2020, 1:31 pm[…] गजब! स्कूल में 14 दिन रहना पड़ा क्वारंटी… […]
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