कविलास नेगी की शॉर्ट फिल्म ‘बोल दियां ऊंमा’ का टोरंटो मल्टीकल्चरल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयन

कविलास नेगी की शॉर्ट फिल्म ‘बोल दियां ऊंमा’ का टोरंटो मल्टीकल्चरल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयन

साहित्यकार बल्लभ डोभाल की कहानी पर आधारित यह फिल्म 11 अगस्त को नरेंद्र सिंह नेगी ऑफिसियल यू-ट्यूब चैनल से रिलीज की गई थी। फिल्म की पृष्ठभूमि भले ही अस्सी-नब्बे के दशक की हो लेकिन कविलास नेगी ने पूरी कसावट के साथ इसे पेश किया है। एक शानदार कहानी को शॉर्ट फिल्म के जरिये पूरी गंभीरता के साथ कहा गया है।

परदेश में रहने वाले पति से दूर पहाड़ में एकाकी जीवन जीने वाली महिलाओं की वेदना को शानदार ढंग से पेश करती निर्देशक कविलास नेगी की शॉर्ट फिल्म ‘बोल दियां ऊंमा’ का चयन टोरंटो मल्टीकल्चरल फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है। कविलास के पिता और गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के ऑफिशियल फेसबुक पेज से यह जानकारी दी गई है।

साहित्यकार बल्लभ डोभाल की कहानी पर आधारित यह फिल्म 11 अगस्त को नरेंद्र सिंह नेगी ऑफिसियल यू-ट्यूब चैनल से रिलीज की गई थी। इस शॉर्ट फिल्म को काफी पसंद किया गया।

अजंलि नेगी और राजेश नौगाई के शानदार अभिनय वाली यह फिल्म प्रवासी उत्तराखंडियों और पलायन के मुद्दे तक ले जाती है। इसका मुख्य पात्र बद्री शहर के लिए आखिरी बस पकड़ने के लिए दौड़ रहा है। इस दौरान गांव वाले परदेस में रहने वालों के लिए कुछ न कुछ सामान दे रहे हैं। इस दौरान गांव की ही कमला भाभी अपने पति को रैबार देने के लिए उसे बस स्टॉप तक छोड़े आती है। इन दोनों पात्रों की बातचीत की इस कहानी का सार है। कमला अपने पति के परदेश से वापस न लौटने पर जमकर खीज उतारती है। कहती है कि उन्हें बोल देना पत्नी और बच्चे उनसे बहुत नाराज हैं। वह पति को परिवार को भुलाने और लंबे वक्त से गांव न लौटने का ताना भी मारती है। लेकिन बस स्टॉप आते-आते उसे परदेश में रह रहे पति का कष्ट सालने लगता है। उसे लगता है कि अगर बद्री ने उनकी व्यथा पति को कह दी तो उन्हें दुख होगा। इसलिए वह बस में बैठ रहे बद्री को कहती है कि कुछ ना बोली ऊंमा..।

फिल्म की पृष्ठभूमि भले ही अस्सी-नब्बे के दशक की हो लेकिन कविलास नेगी ने पूरी कसावट के साथ इसे पेश किया है। एक शानदार कहानी को शॉर्ट फिल्म के जरिये पूरी गंभीरता के साथ कहा गया है। यही वजह है कि इस फिल्म को टोरंटो फिल्म फेस्टीवल के लिए चुना गया है। इस फिल्म का स्क्रीन प्ले और डॉयलाग मीनाक्षी नेगी ने लिखे हैं। गढ़वाली भाषा में बनी इस फिल्म के डॉयलाग काफी असरदार हैं। फिल्म के निर्माता ट्राइबल ब्वाय फिल्म्स के अतुलन दास गुप्ता हैं।

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1 comment
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1 Comment

  • Puran Singh Bisht
    September 22, 2021, 12:53 pm

    अतिसुंदर और सराहनीय अभिनय कार्य।

    REPLY

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