किमसार-गंगाभोगपुर मार्ग जो कि राजाजी टाईगर रिजर्व के क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, यह मार्ग कई सालों से मरम्मत न होने के कारण काफी क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यहां के लोगों को काफी परेशानी होती थी। अब इन लोगों की इस परेशानी का जल्द समाधान हो जायेगा।
पौड़ी के यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र गंगाभोगपुर, तल्ला बनास, मल्ला बनास सहित कई गांवों के लोगों की मांग अब कई सालों बाद पूरी होने जा रही है। किमसार-गंगाभोगपुर मार्ग जो कि राजाजी टाईगर रिजर्व के क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, यह मार्ग कई सालों से मरम्मत न होने के कारण काफी क्षतिग्रस्त हो गया था, यहां के लोगों ने इस बारे में कई शिकायतें की थी जिस पर अब कार्रवाई हो रही है। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यमकेश्वर प्रखंड के लोगों की बहु प्रतीक्षित मांग पर सुनवाई करते हुए 15 जनवरी 2018 को बीन नदी पर पुल निर्माण की घोषणा की थी। सिस्टम में करीब छह वर्षों तक जगह-जगह फाइल का सफर जारी रहा अब जाकर इस मुहिम को धरातल पर उतरने का मौका मिलेगा। बीन नदी पर पुल निर्माण हेतु 0.510 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण को राज्य व राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड पहले ही अनुमति जारी कर चुका था, अब इसके लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी अनुमति प्राप्त हो गई है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि बीन नदी पर पुल निर्माण हेतु 0.510 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण को राज्य व राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड पहले ही अनुमति जारी कर चुका था। अब इसके लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी अनुमति प्राप्त हो गई है। जल्द ही पुल निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। साथ ही 11.5 किलोमीटर लंबे कौड़िया-किमसार मोटर मार्ग के सुधारीकरण के लिए भी भारत सरकार से अनुमति भी प्राप्त हुई है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से 1168.40 लाख रुपये का आगणन भेजा गया है। जिसे वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा गया है। इस मार्ग के सुधारीकरण से क्षेत्र की बड़ी आबादी के साथ ही वन कार्मिकों को भी आवागमन में सहायता मिलेगी।
इस सड़क का निर्माणकार्य डारेक्टर राजाजी नेशनल पार्क के निरीक्षण में किया जायेगा। यहां के लोगों के लंबे संघर्ष के बाद किमसार-गंगाभोगपुर मोटर मार्ग का जो कि राजाजी टाईगर रिजर्व के अंदर आती है यह सड़क अब पक्की होने जा रही है। साथ ही बीन नदी में पुल का भी निर्माण किया जायेगा। गौरतलब रहे कि किमसार-गंगाभोगपुर मार्ग राजाजी टाईगर रिजर्व के क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, यह मार्ग कई समय से मरम्मत न होने के कारण काफी समय से क्षतिग्रस्त है, जिस कारण इस मार्ग पर निर्भर क्षेत्र की बहुत बड़ी आबादी को परेशानियों का सामना करना पडता है। इस समस्या के समाधान हेतु मुख्यमंत्री उत्तराखंड की अध्यक्षता में सम्पन्न उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 15वीं बैठक में किमसार-गंगाभोगपुर मोटर मार्ग के सुधारीकरण का निर्णय लिया गया था। उसके बाद राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 73वीं बैठक में विषयांकित प्रस्ताव पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उक्त मार्ग के सुधारीकरण हेतु शर्तों के साथ सहमति प्रदान की गयी है।
इस शासनादेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि लोक निर्माण विभाग के सड़क एवं पुल से सम्बन्धित 10.00 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावों को व्यय वित्त समिति में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। इसमें यह भी बताया गया कि इस क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु यह अतिआवश्यक है इस कार्य हेतु राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा भी अनुमति प्रदान कर दी गयी है, अतः जनहित में उक्त कार्य को यथाशीघ्र करवाया जायेगा। इस मार्ग के सुदृढीकरण से क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण एवं मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के त्वरित निराकरण हेतु वन कार्मिकों के आवागमन में भी सहायता प्राप्त होगी। इस कार्य को सफल बनाने में डॉ साकेत बडोला, निदेशक एवं वन संरक्षक, राजाजी टाइगर रिजर्व की अहम भूमिका रही।
हाल के लोकसभा चुनाव में गंगाभोगपुर, तल्ला बनास, मल्ला बनास सहित गई गांवों के लोगों ने लोकसभा के चुनाव का बहिष्कार किया था और उस वक्त बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार अनिल बलूनी ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि सड़क और पुल का निर्माणकार्य जल्द पूरा किया जायेगा। उस समय लोग कह रहे थे कि कहने को तो यह गांव ऋषिकेश से करीब दस की दूरी पर है, लेकिन यहां का मूलभूत विकास न होने से लोग काफी परेशान थे। तब इन लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा था कि गंगाभोगपुर जाने के लिए ऋषिकेश से एकमात्र साधन वीन नदी है। बरसात के समय बीन नदी में बाढ आने के कारण गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से कट जाता है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और ग्रामीण लोग जान जोखिम में डालकर बरसात में नदी को पार कर ऋषिकेश आते-जाते हैं। लेकिन अब कुछ सालों बाद इन लोगों की समस्या का समाधान हो जायेगा।
स्थानीय निवासी और आजतक के वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी भी कई सालों से सड़क को पक्की करने और बीन नदी में पुल बनाने को लेकर काफी प्रयास कर रहे थे। उनके अथक प्रयासों से सड़क को पक्की करने और बीन नदी में पुल बनाने के लिए स्वीकृति मिल गई है। इससे स्थानीय लोगों की सालों से चली आ रही मांग अब पूरी हो गई है। बीन नदी में पुल के निर्माण और सड़क के सही हो जाने से यहां के आने जाने वाले लोगों को काफी सुविधा होगी।
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